काबुल में भारतीय लोगों को निकालने के लिए भारत ने बनाई योजना, रख रहा करीबी नजर
नई दिल्ली : भारत ने काबुल से अपने सैकड़ों अधिकारियों और नागरिकों को निकालने के लिए आकस्मिक योजनाएं बनायी हैं। तालिबान के रविवार सुबह राजधानी काबुल में प्रवेश करने की खबरों के बाद वहां लोगों में डर पैदा हो गया है।
अधिकारियों ने बताया कि सरकार काबुल में भारतीय दूतावास के अपने कर्मचारियों और भारतीय नागरिकों की जान जोखिम में नहीं डालेगी और जरूरत पड़ने पर आपात स्थिति में उन्हें बाहर निकालने के लिए योजनाएं बना ली गयी हैं।
उन्होंने बताया, ‘‘सरकार अफगानिस्तान में तेजी से बदल रहे घटनाक्रमों पर करीबी नजर रख रही है। हम काबुल में भारतीय दूतावास में अपने कर्मचारियों की जान खतरे में नहीं डालेंगे।’’ यह पूछने पर कि काबुल में भारतीय कर्मचारियों और नागरिकों को कब निकाला जाएगा, इस पर उन्होंने कहा कि जमीनी हालात को देखते हुए फैसले लिए जाएंगे।
समझा जाता है कि भारतीय वायु सेना के सैन्य परिवहन विमान सी-17 ग्लोबमास्टर के एक बेड़े को लोगों तथा कर्मचारियों को निकालने के लिए तैयार रखा गया है।
काबुल से प्राप्त खबरों के अनुसार, तालिबान के लड़ाकों ने शहर के बाहरी इलाकों में प्रवेश कर लिया है जिससे निवासियों में डर और घबराहट पैदा हो गयी है।
पिछले कुछ दिनों में तालिबान ने अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्सों पर कब्जा जमा लिया है। उसने कंधार, हेरात, मजार-ए-शरीफ और जलालाबाद जैसे शहरों समेत 34 में से 25 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा जमा लिया है।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन ने ट्वीटर पर कहा कि काबुल में हालात नियंत्रण में हैं और उस पर हमला नहीं किया गया है। हालांकि छिटपुट गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं। उसने बताया कि अफगान सुरक्षा बल अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ काम कर रहे हैं ताकि काबुल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकें।
पश्तो में एक बयान में कहा गया है, ‘‘काबुल पर हमला नहीं किया गया है। देश के सुरक्षा और रक्षा बल शहर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं तथा हालात नियंत्रण में हैं।’’
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने काबुल में नागरिकों की सुरक्षा के संबंध में सुरक्षा अधिकारियों के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। काबुल में बीबीसी ने कार्यवाहक गृह मंत्री के हवाले से बताया कि सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण की योजना बनायी जा रही है।
वहीं, काबुल में हालात बिगड़ने पर अमेरिका और कई अन्य देशों के दूतावासों ने शहर से अपने कर्मचारियों को निकालना शुरू कर दिया है।