हड़प्पा काल के शहर धोलावीरा को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में मिला स्थान

हड़प्पा काल के शहर धोलावीरा को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में मिला स्थान, PM मोदी बोले- वहां अवश्य जाना चाहिए

नई दिल्ली : गुजरात में हड़प्पा काल के शहर धोलावीरा को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। संयुक्त राष्ट्र के संगठन ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

 

तेलंगाना के वारंगल में पालमपेट स्थित रामप्पा मंदिर के बाद इस महीने विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया भारत का यह दूसरा स्थल है।

 

संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने ट्वीट किया, ‘‘धोलावीरा : भारत में, हड़प्पाकालीन शहर को विश्व धरोहर सूची में अभी-अभी शामिल किया गया। बधाई हो!’’ यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 44 वें सत्र के दौरान धोलावीरा और रामप्पा मंदिर को इस सूची में शामिल किया गया। गुजरात में अब चार विश्व धरोहर स्थल हो गये हैं–धोलावीरा, पावागढ़ के निकट चंपानेर, पाटन में रानी की वाव और एतिहासिक शहर अहमदाबाद।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा कि वह इस खबर से बहुत खुश हैं। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि धोलावीरा एक महत्वपूर्ण शहरी केंद्र था और यह हमारे अतीत के साथ एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण संपर्क है।

 

 

 

मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘वहां अवश्य जाना चाहिए, विशेष रूप से इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व में रूचि रखने वालों को।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने विद्यार्थी जीवन में पहली बार धोलावीरा गया था और उस स्थल को देख कर मंत्रमुग्ध रह गया। गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर मुझे धोलावीरा में धरोहर स्थल संरक्षण और पुन:स्थापन कार्य से जुड़े पहलुओं पर काम करने का अवसर मिला था। हमारी टीम ने वहां पर्यटन हितैषी बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए भी काम किया था।’’

 

 

विश्व धरोहर समिति के इस सत्र की अध्यक्षता चीन में फुझोऊ से की जा रही है और यह ऑनलाइन किया जा रहा है। यह 16 जुलाई को शुरू हुआ था और 31 जुलाई को संपन्न होगा। मौजूदा सत्र में मौजूदा कार्यों और पिछले साल के लंबित रह गये मुद्दों पर काम किया जा रहा। पिछले साल कोविड-19 के कारण वार्षिक सत्र का आयोजन टाल दिया गया था।

 

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