भारत की मदद के नाम पर पाक NGO ने जुटाए करोड़ों रुपये, टेरर फंडिंग में इस्तेमाल की आशंका
कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान पाकिस्तानी संगठनों ने भारत की मदद करने के नाम पर लाखों-करोड़ रुपए जुटाए। लेकिन वो अब इन पैसों को आतंक फैलाने के कामों में कर सकता है। ऐसा दावा एक रिपोर्ट में किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के गैर सरकारी चैरिटी संस्थाओं ने कोरोना संकट के दौरान भारत की मदद करने के नाम पर करोड़ों रुपये जुटाये। इन संगठनों ने ‘हेल्प इंडिया ब्रीद’ नाम का एक अभियान चलाया। इसमें दावा किया गया कि वो भारत को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और वैक्सीन समेत अन्य चिकित्सा सुविधाओं में मदद करेंगे। इसके लिए उन्होंने आर्थिक सहयोग देने की भी अपील की।
- रिपोर्ट में क्या है?
डिसइन्फो लैब ने ‘कोविड-19 स्कैम 2021’ का खुलासा किया। रिपोर्ट में इसे मानवीय सहायता के नाम पर किए गए इतिहास के सबसे बुरे घोटालों में से बताया गया है, क्योंकि ‘हेल्पिंग इंडिया ब्रीद’ के नाम पर लाखों डॉलर की चोरी की गई है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सामना कर रहे भारत को दुनिया भर से मदद मिली। हालांकि, कुछ संगठनों ने दान के नाम पर अवैध रूप से धन इकट्ठा करने के लिए संकट का उपयोग किया।
- पाक सेना से हैं करीबी संबंध
रिपोर्ट में बताया गया है कि इन संगठनों के पाकिस्तानी सेना से काफी अच्छे रिश्ते हैं।डिसइंफो लैब के मुताबिक दिसंबर 2017 में हेल्पिंग हैंड फॉर रिलीफ एंड डेवलपमेंट ने पाकिस्तान में एक सम्मेलन का आयोजन किया। इसे प्रायोजित करने वाले संगठनों में फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन और लश्कर ए तोयबा जैसे आतंकी संगठन शामिल रहे। संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले इन संगठनों को पाकिस्तान में धर्मार्थ शाखा के रूप में जाना जाता है और इनके पाक सेना के साथ काफी करीबी संबंध हैं।
- आतंकी गतिविधियों के लिए हो सकता है इस्तेमाल
माना जा रहा है कि मदद के नाम पर जुटाये गए रकम का इस्तेमाल भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए भी हो सकता है। रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि पैसे जुटाने वाले संगठनों इमाना यानी इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ नार्थ अमेरिका भी शामिल है। 27 अप्रैल 2021 को इमाना ने इंस्टाग्राम पर हेल्प इंडिया ब्रीद नाम से कैंपेन शुरू किया।
इसमें शुरुआती दौर में 1.8 करोड़ का शुरुआती लक्ष्य रखा था। बता दें कि इमाना का न तो भारत में कोई कार्यालय है और ना ही कोई प्रतिनिधि।