नेचुरोपैथी चिकित्सा पद्धति से गंभीर से गंभीर बीमारी को ठीक किया जा सकता है : कन्हैया प्रसाद

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झारखण्ड/धनबाद (ब्यूरो, राजेन्द्र वर्मा) : इन दिनों यदि देश मे सर्वे कर देखा जाए तो 80% लोग किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त हैं। चाहें वह बीमारी शुगर, बीपी, हार्ट से ही क्यों न जुड़ा हो।

 

अब कुछ लोग एलोपैथी छोड़कर नेचुरोपैथी चिकित्सा पद्धति की ओर जा रहे हैं। हीरापुर स्थित नेचुरोपैथी आरोग्य केंद्र के संस्थापक कन्हैया प्रसाद ने हमारे ब्यूरो से एक साक्षात्कार में बताया कि नेचुरोपैथी चिकित्सा पद्धति से गंभीर से गंभीर बीमारी को ठीक किया जा रहा है।उन्होंने कहा की केवल अपने खान-पान के तरीकों को बदलने से ही मनुष्य एक लंबा जीवन जी सकता है।उनका मानना है कि शरीर में जमी गंदगी के कारण ही आज लोगों में रोगों का मूल कारण है।

 

शरीर के शुद्धिकरण के लिए जल नीति, तेल नीति, रबर नीति, एनिमा, सूर्य स्नान, कटि स्नान, कुंजर क्रिया के माध्यम से कई बीमारियों को यहां से ठीक किया जा रहा हैं।

 

हार्ट, बीपी, दमा, थायराइड, नस रोग, गैस, प्रोस्टेट, घुटने में दर्द, लीवर, किडनी स्टोन, गोल ब्लाडर में स्टोन, बवासीर, मिर्गी जैसे कई बीमारियों को ठीक किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा पंचतत्व जैसे आकाश, अग्नि, वायु, जल एवं पृथ्वी को आधार मानकर चिकित्सा की जाती है। जो मिट्टी, पानी, धूप, हवा एवं आकाश पर आधारित है।

 

यदि आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो आपको नेचुरोपैथी चिकित्सा पद्धति को अपनाना ही होगा। क्योंकि नेचुरोपैथी ईलाज ही जड़ से बीमारी को खत्म कर सकती है।

हाउसिंग कॉलोनी निवासी संतोष कुमार आजाद का कहना है कि उनका शुगर रेंडम 1062 एवं फास्टिंग 350 था। एक माह तक लगातार नेचुरोपैथी चिकित्सा पद्धति के कारण उनका शुगर और बीपी दोनों नॉर्मल है।

 

 

धनबाद के गीता सिंह का कहना है कि वह कई सालों से नस, हेडेक एवं गैस की समस्या से पीड़ित थी। आज वह बिल्कुल ठीक है। कोला कुसमा के आदित्य शुक्ला जो प्रोस्टेट, घुटने का दर्द, शुगर व बीपी से काफी परेशान थे। आज उनका भी दवाई बंद हो गया है और वे बिल्कुल स्वस्थ है। भोजपुर से जहांगीर हसन, उषा किरण, खगड़िया से राजेश, धनबाद से कार्तिक, गोविंदपुर से राम नाथ जिसका हार्ट ब्लॉकेज को भी ठीक किया गया है। आज सभी बिल्कुल ठीक है और उनका दवा भी बंद हो गई है। ऐसे सैकड़ों मरीज इस ईलाज से ठीक हुए है।

 

 

श्री प्रसाद का यह मानना है कि शरीर से टॉक्सिन को निकालकर एवं डाइट थेरेपी के द्वारा गंभीर से गंभीर बीमारी को ठीक किया जा सकता है।

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आकाश भगत

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