हेमंत सोरेन का बयान, कोरोना से जंग में 300 पूर्व सैन्यकर्मी कोरोना योद्धा के रूप में देंगे सेवा
झारखण्ड/राँची : राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के इस संकट में तीन सौ पूर्व सैन्यकर्मी राज्य सरकार के लिए कोरोना योद्ध के रूप में अपनी सेवा देंगे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज यहां एक उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि सैनिक कल्याण बोर्ड के द्वारा उन्हें बताया गया है कि कोविड-19 से निपटने की दिशा में बोर्ड सरकार को हरसंभव मदद को तैयार है। इस सिलसिले में 300 पूर्व सैनिक कोरोना योद्धा के रूप में अपनी सेवा राज्य सरकार को देंगे। सोरेन ने कहा, ‘‘ इस महामारी ने पूरे देश में स्वास्थ्य अवसंरचना की जरूरतों से अवगत करा दिया है।
अस्पतालों में चिकित्सकों,नर्सों,अर्धचिकित्साकर्मियों और अन्य मैन पावर की कमी से सरकार अवगत है। इस दिशा में अगर कोई अवकाश प्राप्त चिकित्सक या अन्य कर्मी अपनी सेवा देने को इच्छुक हैं, तो वे इसकी जानकारी दें। सरकार इस दिशा में उनकी सेवा लेने के लिए जरूरी पहल करेगी।’’ उन्होंने सांसदों और विधायकों से भी कहा कि अगर उनके संपर्क में ऐसे श्रमबल हैं, तो इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री आज छोटानागपुर एवं कोल्हान प्रमंडल के सांसदों एवं विधायकों के साथ आज आनलाइनबैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा ,‘‘ कोरोना की पहली लहर से हम सकारात्मक तरीके से निपटने में कामयाब रहे। दूसरी लहर से हम मुकाबला कर रहे हैं और अब तीसरी लहर के आने का भी खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में अब इतना समय नहीं है कि कोरोना से जुड़े मुद्दों को नजरअंदाज करें। कोरोना को कैसे नियंत्रित किया जाए और संक्रमितों को समुचित व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाए, इसे लेकर राज्य सरकार पूरी ताकत के साथ काम कर रही है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा ,‘‘राज्य के ग्रामीण इलाके में कोरोना नहीं बढ़े, वहां संक्रमण के खतरे को कैसे रोका जाए, इसपर सरकार का विशेष ध्यान है। शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं और संसाधनों का विस्तार कर हमने कोरोना को लेकर शुरू में पैदा हई अफरातफरी को रोक लिया है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी जागरूकता के अभाव में कोरोना के खतरे को लोग समझ नहीं पा रहे हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ टीकाकरण को लेकर लोगों के बीच भ्रम की स्थिति है और लोग टीका नहीं लेना चाह रहे हैं। शवों के दाह-संस्कार में कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो रहा है।
इससे कोरोना तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। ऐसे में सरकार अब विशेष तौर पर ग्रामीण इलाकों में कोरोना की जांच, इलाज और टीकाकरण को लेकर कार्ययोजना बनाकर कार्य कर रही है। इसके तहत लोगों को जागरूक करने के लिए प्रचार-प्रसार के विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें सभी जन प्रतिनिधियों की भी अहम जिम्मेदारी है। ’’
उन्होंने कहा,‘‘ झारखंड देश को लगभग 600 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहा है। कोरोना से जंग में जरूरी संसाधनों की किसी राज्य को कमी नहीं हो, यह हमारी सरकार की विशेष प्राथमिकता रही है। हमारे पास जो भी संसाधन उपलब्ध होंगे, दूसरों को उनकी जरूरत के हिसाब से उपलब्ध कराएंगे।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण इलाके में कोरोना को लेकर दवाइयों की कोई किल्लत नहीं होने दी जाएगी। सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से कोरोना मेडिकल किट को लोगों तक पहुंचाने का निर्देश दे चुकी है। अबतक 45 हजार से ज्यादा कोरोना मेडिकल किट का वितरण किया जा चुका है।