झारखण्ड/धनबाद (ब्यूरो, राजेन्द्र वर्मा) : निरसा विधानसभा के बीरसिंहपु में माँ शीतला देवी की पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस पूजा में धनबाद जिले सहित एवं अन्य जिलों से कई श्रद्धालु निरसा पहुंचते हैं और मां शीतला देवी का श्रद्धा और भक्ति भाव से पूजा संपन्न हुई।

 

 

यह पूजा विगत 150 सौ वर्षों से भट्टाचार्जी परिवार द्वारा आयोजित किया जाता है। परिवार के सदस्य शंभूनाथ भट्टाचार्य ने बताया कि हमारे पूर्वजों द्वारा यह पूजा सदियों से चला आ रहा है उस परंपरा को निभाते हुए हम सभी परिवार इस पूजा को चैत्र मास के अष्टमी के दिन बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। इस पूजा की तैयारी में विगत एक माह पूर्व से ही प्रारंभ कर देते हैं।

 

 

 

वहीं श्री भट्टाचार्य ने बताया कि हमारे पूर्वज जजमानो के घर जाकर पूजा करते थे एक दिन जजमानों के घर जाने के उपरांत रास्ते में अपने बग्गी को रोक कर शौच करने चले गए। जब वापस आया तो देखा कि एक देवी उनके घोड़े के पास खडी हैं और उस देवी ने कहां की आप अपने घर में मां शीतला देवी की स्थापना करें और नित्य उसकी पूजा करें ऐसा करने से आपके परिवार के साथ-साथ आपके क्षेत्र के सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होगा। इतना कहकर वह देवी अंतर्ध्यान हो गई और तभी से भट्टाचार्य परिवार अपने घर में मां शीतला देवी की प्रतिमा को स्थापित किया और पूरे विधि विधान के साथ पूजा याचना में लीन हो गए और सदियों से यह पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाया जाने लगा है।

 

 

आज भी उसी आस्था के साथ लोग यहाँ पहुंचकर अपनी मन्नतें मांगते हैं। यहां माँगी सभी मन्नत पूरा हो जाती है। इससे भी लोगों में काफी आस्था है जिसके कारण धनबाद जिले सहित दूसरे जिले एवं पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल की भी काफी संख्या में श्रद्धालु पूजा याचना करने आते हैं।

 

 

  • क्या है पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार माता शीतला की उत्पत्ति भगवान ब्रह्मा से हुई थी। देवलोक से धरती पर माता शीतला अपने साथ भगवान शिव के पसीने से बने ज्वरासुर को अपना साथी मानकर लाईं थी। तब उनके हाथों में दाल के दाने भी थे। उस समय के राजा विराट ने माता शीतला को अपने राज्य में रहने के लिए स्थान नहीं दिया तो माता क्रोधित हो गई और भूलोक में चली गई।

 

 

एक ऐसी भी परंपरा है कि माता शीतला पूजा के दिन लोगों के घर में चूल्हा नहीं जलता है,एक दिन पूर्व ही भोजन पकवान बना लेते हैं और माता शीतला पूजा के दिन उसी बासी भोजन का ग्रहण करते हैं।

 

 

 

बिरसिंहपुर में प्रातः 4:00 बजे से मंदिर का पट खोल दिया जाता है श्रद्धालु सैकडों की तादाद में उपस्थित होकर मां शीतला देवी से मन्नत मांगते हैं एवं मां शीतला देवी का पूजा याचना बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।

 

मौके पर पूर्व विधायक अरूप चटर्जी व अनेकों भक्त ने मंदिर प्रांगण में पूर्ण भक्ति भाव से पूजा अर्चना की।

आकाश भगत

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