केंद्र ने कोविशील्ड पर चिंताओं को किया खारिज
- भारत ने दोनों टीकों को प्रभावी बताया
नई दिल्ली : ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ के संभावित दुष्प्रभावों और कुछ यूरोपीय देशों में इस पर रोक लगाये जाने की खबरों के बीच केंद्र ने बुधवार को कहा कि कोविशील्ड सुरक्षित है और इसके संबंध में अभी तक ‘‘चिंता का कोई संकेत नहीं’’ है। टीकाकरण के बाद के प्रतिकूल मामलों पर नजर रखने और उनके रिकॉर्ड रखने वाली एईएफआई समिति ने ‘‘निष्कर्ष निकाला है कि कोविशील्ड के कारण रक्त के थक्के जमने की भारत में समस्या नहीं है।’’ नीति अयोग सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘इस चिंता के लिए कोई संकेत नहीं है।
कोविशील्ड सुरक्षित है, कृपया इसके साथ आगे बढ़ें। हम आश्वस्त करना चाहते हैं कि रक्त के थक्के-संबंधी जटिलताओं का कोई खतरा नहीं है जिसके बारे में कुछ देशों में कोविशील्ड के बारे में संदेह जताया गया था।’’ आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन, दोनों ब्रिटेन और ब्राजील में सामने आये कोविड-19 के नये प्रकारों के खिलाफ प्रभावी हैं। उनसे सवाल किया गया था कि क्या भारत में अभी जिन टीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, वे ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में सामने आये कोविड-19 के नये प्रकार के मुकाबले में प्रभावी हैं?
उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रकाशित शोध अध्ययनों द्वारा अच्छी तरह से स्थापित किया गया है कि हमारे देश में उपलब्ध टीके – ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ दोनों ही ब्रिटेन और ब्राजील में सामने आये कोविड-19 के नये प्रकारों के खिलाफ प्रभावी हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल दक्षिण अफ्रीका में सामने आये कोविड-19 के नये प्रकार के संबंध में शोध कार्य जारी है।’’
पॉल ने लोगों से टीकों की प्रभावशीलता पर संदेह नहीं करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘कृपया संदेह न फैलाएं। अभी तक, ये टीके वायरस के पुराने और नये प्रकारों के खिलाफ अच्छे तरह से प्रभावी हैं।’’ उन्होंने लोगों से कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार का पालन करने और टीकाकरण का उपयोग इस दूसरी लहर से लड़ने के लिए एक उपकरण के रूप में करने की अपील की।