बीमा अभिकर्त्ताओं के मांगों को लेकर ऑल इंडिया लियाफी का प्रदर्शन 23 मार्च को

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झारखण्ड/धनबाद (ब्यूरो, राजेन्द्र वर्मा) : भारतीय जीवन बीमा प्रबंधन द्वारा अभिकर्त्ताओं का 27 सूत्री मांगों का समाधान नहीं होने को लेकर ऑल इंडिया लियाफी द्वारा आगामी 23 मार्च को राष्ट्र व्यापी आंदोलन किया जाएगा।

 

 

 

देश के सभी जीवन बीमा निगम के शाखाओं के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर अभिकर्ता आराम दिवस के रूप में मनाएंगे।

 

 

 

उक्त आशय की जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष नयन कुमार कमल ने प्रेस बयान जारी कर यह जानकारी दी। श्री नयन ने कहा कि यदि प्रबंधन ने हमारी मांगे नहीं मानी तो बहुत जल्द अनिश्चित कालीन आंदोलन करने पर संगठन मजबूर हो जायेगी और इसकी सारा जबाबदेही प्रबंधन की होगी।

 

 

 

ऑल इंडिया लिआफी हजारीबाग मंडल के सचिव कृष्ण मुरारी सिंह ने अपने मंडल के सभी अभिकर्त्ताओं को इस आंदोलन को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को सफल करने के लिए विकास अधिकारी संगठन एवं कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों ने भी ऑल इंडिया लियाफी को भरपूर सहयोग देने का आश्वासन दिया हैं।

 

 

 

श्री सिंह ने हजारीबाग मंडल के 18 शाखाओं एवं 17 एस ओ के सभी पदाधिकारियों से आग्रह किया है की 23 मार्च को शांतिपूर्ण तरीके से इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग करें।

 

 

 

मंडल में कार्यक्रम को सफल करने को लेकर एक क्लस्टर हेड बनाया गया है। जिसमे सुभाष चंद्र महतो, मोहम्मद नूर, सत्येंद्र कुमार एवं कामेश्वर साव शामिल है। इनके द्वारा धनबाद के सभी शाखाओं में घूम घूम कर सभी अभिकर्त्ताओं को इस आंदोलन को सफल करने के लिए अपील की जा रही है।

 

 

 

लंबित मांगों में मुख्य रूप से डायरेक्ट मार्केटिंग तथा ऑनलाइन बीमा बिक्री पर रोक लगे। अभिकर्त्ताओं को कमीशन आई आर डी ए आई द्वारा अनुमोदन दर से दिया जाए। सी एल आई ए को ब्रिगेड सदस्य बनने पर क्लब कोटे की शर्तों से मुक्त किया जाए। नए सी एल आई ए को प्रथम 3 वर्षों तक न्यूनतम व्यवसाय की शर्तों पर छोड़ दी जाए। क्लब कोटे में 50% की छूट दी जाए तथा लेप्सेशन क्लाउज को खत्म किया जाए।

 

 

 

अभिकर्ता अधिनियम में बदलाव करते हुए सजा के प्रावधान में सुधार की जाए। अभीकर्ताओं की ग्रेच्युटी को भी ग्रेच्युटी अधिनियम में लाया जाए जिसकी अधिकतम सीमा 20 लाख होनी चाहिए। नन क्लब अभिकर्त्ताओं को भी मेडिक्लेम बीमा योजना का लाभ दिया जाए तथा सभी के आश्रित परिजनों को योजना में शामिल किया जाए जैसे कई मांग शामिल है।

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