देशभर से चोरी करके मोबाइल फोन मुंबई में भेजे जाते हैं

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  • कुरियर कंपनियां टारगेट तक पहुंचाने में करती हैं मदद

नई दिल्ली : आप यह जानकर शायद चौंक जाएं कि देशभर में कहीं भी मोबाइल फोन चोरी होता है, तो उसे कुरियर कंपनियों की मदद से मुंबई भेजा जाता है। यहां चोरी किए गए मोबाइल फोन के डाटा को एक खास सॉफ्टवेयर की मदद से फार्मेट कर दिया जाता है। इसके बाद उसकी बाहरी और अंदरुनी साफ-सफाई करके बिक्री के लिए बाजार में अलग-अलग दुकानों पर भेज दिया जाता है। यह खुलासा खुद मुंबई पुलिस ने किया है।

 

 

 

 

  • गिरोह की तह तक पहुंचने में जुटी पुलिस

मुंबई पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को पकडऩे में सफलता हासिल की है, जो मोबाइल फोन के डाटा को बड़ी सफाई से उड़ा देता था और दोबारा बिक्री के लिए बाजार में भेज देता। हालांकि, पुलिस अभी उस सिरे की तलाश में जुटी है, जहां से अलग-अलग राज्यों से चोरी होने के बाद मोबाइल मुंबई पहुंचता है। हालांकि, पुलिस ने इस बात का भी पता लगा लिया है कि मोबाइल फोन कुछ कुरियर कंपनियों की मदद से मुंबई पहुंचते थे। पुलिस की कुछ टीम अलग-अलग राज्यों में इसकी तलाश में गई भी है, जिससे गिरोह की तह तक पहुंचा जा सके।

 

 

 

  • कॉम्पलेक्स की तीन दुकानों पर मारा छापा

पुलिस के अनुसार, खास सूत्र से जानकारी मिलने के बाद मुंबई के अंधेरी क्षेत्र में स्थित एक कॉम्पलेक्स में छापा मारा गया। यहां तीन दुकानों की तलाशी ली गई तो करीब 9 लाख रुपए कीमत के आईफोन और दूसरे महंगे ब्रांड के मोबाइल फोन मिले। इनकी बारीकी से जांच हुई, तो पता चला कि ये चोरी के हैं। पुलिस ने तीनों दुकानों के संचालकों को गिरफ्तार कर लिया।

 

 

 

  • पूछताछ में उगलना शुरू किया सच

पुलिस ने जब इनसे अपने तरीके से पूछताछ की तो इन्होंने एक के बाद एक सच उगलना शुरू कर दिया। इन दुकानदारों ने जो खुलासे किए, उसके मुताबिक, इनके पास सिर्फ मुंबई ही नहीं बल्कि, मध्य प्रदेश दिल्ली, राजस्थान, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों से भी चोरी किए हुए मोबाइल फोन आते हैं। सॉफ्टवेयर की मदद से ये लोग मोबाइल फोन का डाटा उड़ा देते थे और उसे फार्मेट कर बाजार में बेच देते।

 

 

 

  • आई क्लाउड को डिलीट कर देते थे

इन दुकानदारों ने पुलिस को बताया कि सॉफ्टवेयर की मदद से महंगे ब्रांड के एंड्रायड फोन को पूरी तरह फार्मेट कर देते थे, जबकि आईफोन के आईक्लाउड को डिलीट कर दिया जाता था। बाद में उसे नया फोन बताकर ग्राहकों को बेच दिया जाता था। पुलिस ने कुछ कुरियर कंपनियों के सुराग तलाशे हैं, जिनसे इस रैकेट के जुड़े होने का शक है।

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