वायुसेना प्रमुख की चेतावनी, कहा- भारत के साथ टकराना चीन के लिए अच्छा नहीं
नई दिल्ली : वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने मंगलवार को कहा कि भारत के साथ कोई भी गंभीर संघर्ष चीन की वैश्विक आकांक्षाओं एवं ‘‘बड़ी योजनाओं’’ के लिए उपयुक्त नहीं है और लद्दाख टकराव ‘‘सैन्य प्रभुत्व वाले दुस्साहस’ समेत विभिन्न कारणों का परिणाम हो सकता है और इससे स्थिति बिगड़ी ही है। एअर चीफ मार्शल भदौरिया ने एक ऑनलाइन सेमिनार में अपने संबोधन में कहा कि चीन ने पूर्वी लद्दाख में सीमा टकराव के मद्देनजर अपनी सेना के सहयोग के लिए रडारों, सतह से हवा में एवं सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें एवं अन्य वायु आयुध भारी संख्या में तैनात किये। उन्होंने कहा कि लेकिन भारत ने भी स्थिति से निपटने के हर (जरूरी) कदम उठाये।
Heavy Chinese missile, radar deployment near Ladakh, IAF ready to handle situation: IAF Chief Bhadauria
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— ANI Digital (@ani_digital) December 29, 2020
उन्होंने कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) अमेरिका के वैश्विक वर्चस्व का मुकाबला करने के लिए क्षमताएं विकसित करने में लगी है जिसका भारत पर सुरक्षा प्रभाव हो सकता है। सेमिनार का आयोजन थिंक टैंक विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन ने किया। भदौरिया ने कहा कि चीन के लिए पूर्वी लद्दाख में सीमा टकराव पैदा करने की कई वजह हो सकती हैं जिनमें नयी स्थिति से भारत के साथ बातचीत के लिए युद्ध जैसे परिदृश्य में अपने सैन्य ढांचे एवं प्रौद्योगिकी का तालमेल कायम करने का प्रयास शामिल हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी के लिए महत्वपूर्ण सवाल यह है कि कोई भी बड़ा भारत-चीन संघर्ष चीन के लिए अच्छा नहीं है। यदि चीन की आकांक्षाएं वैश्विक हैं तो यह उसकी बड़ी योजनाओं के लिए ठीक नहीं है। तब उत्तर में चीन की कार्रवाइयों का संभावित उद्देश्य क्या हो सकता है। यह समझना महत्वपूर्ण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ क्या यह सामान्य सैन्य संकेत था, क्या यह स्थिति बिगाड़ने के पर्याप्त नियंत्रण के साथ क्षेत्र में वर्चस्व की कोशिश थी… क्या यह उनकी पश्चिमी कमान के लिए युद्ध जैसी असल स्थिति में तैनाती एवं प्रशिक्षण था… क्या यह सैन्य प्रौद्योगिकियों की कमी का पता लगाकर उन्हें दूर करने की कवायद थी।’’