श्रीनगर/जम्मू :जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) की 280 सीटों में से 278 सीटों के चुनाव परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। गुपकर गठबंधन ने सबसे अधिक 110 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि 75 सीटों पर जीत दर्ज कर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है और वोट प्रतिशत के मामले में भी भगवा पार्टी पहले स्थान पर है।अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दो निर्वाचन क्षेत्रों- बांदीपोरा और कुपवाड़ा जिले की एक-एक सीट- पर चुनाव परिणामों का इंतजार हैं क्योंकि अगले आदेश तक मतगणना रोक दी गई है। केन्द्र शासित प्रदेश में डीडीसी की 280 सीटों पर आठ चरणों में मतदान कराया गया। यह 28 नवम्बर से शुरू हुआ था और 19 दिसम्बर को संपन्न हुआ।मतगणना मंगलवार सुबह शुरू हुई थी।
अगस्त, 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त कर जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिए जाने के बाद से इस केंद्र शासित प्रदेश में यह पहला चुनाव है। चुनाव में कुल 280 सीटें (जम्मू की 140 और कश्मीर की 140) पर मतदान हुआ। केंद्रशासित क्षेत्र के 20 जिलों में प्रत्येक में डीडीसी की 14-14 सीटें हैं। जम्मू-कश्मीर चुनाव आयोग ने अभी तक 280 में से 278 सीटों के चुनाव परिणामों की घोषणा कर दी है। गुपकर गठबंधन और भाजपा के अलावा 50 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। वहीं कांग्रेस को 26, अपनी पार्टी को 12, पीडीएफ और नेशनल पैंथर्स पार्टी को दो-दो और बसपा को एक सीट पर जीत मिली है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की रहने वाली और पूर्व आंतकवादियों से शादी करने वाली दो महिलाएं भी चुनाव मैदान में उतरीं। उन्होंने कुपवाड़ा के दरागुल्ला और बांदीपोरा के हजिन-ए से चुनाव लड़ा। अधिकारियों ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयुक्त ने पीठासीन अधिकारियों को इन दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में अगले आदेश तक मतगणना रोकने के आदेश दिए हैं।
राजौरी जिले के दारहल निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के प्रत्याशी मोहम्मद इकबाल मलिक ने नेशनल कांफ्रेंस के परवेज रशिद को 3,748 मतों से हराया, इसके साथ ही भाजपा ने 75 सीटों पर जीत दर्ज कर ली। राजौरी जिलें में गुपकर गठबंधन को छह, कांग्रेस-भाजपा को तीन-तीन और एक-एक सीट अपनी पार्टी व निर्दलीय के खाते में गई है। वहीं, पुंछ जिले के बालाकोट निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी मसरत जबिन ने पीडीपी के प्रत्याशी अफसान आफताब को 670 मतों से हराया है। इसके साथ ही जिले में जीत दर्ज करने वाली वह आठवीं निर्दलीय प्रत्याशी बन गई हैं ,जबकि पूरे केंद्र शासित प्रदेश में 50 निर्दलीय प्रत्याशी विजयी घोषित किए गए। पुंछ जिले में सबसे अधिक आठ निर्दलीय जीते हैं, इसके बाद श्रीनगर जिले में सात निर्दलीयों को जीत मिली है। पुंछ में आठ निर्दलीयों के अलावा चार सीटें कांग्रेस और दो सीटें नेशनल कांफ्रेंस की झोली में गई है।
वहीं, गुपकर गठबंधन में शामिल दलों की बात करें, तो सबसे अधिक 67 सीटों पर नेशनल कांफ्रेंस को जीत मिली है जबकि 27 पर पीडीपी, आठ पर पीपुल्स कांफ्रेंस, पांच पर माकपा और तीन पर जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट को जीत मिली है। गठबंधन को कुल 3.94 लाख मत मिले हैं। दूसरी ओर भाजपा को कश्मीर में मिली तीन सीटों सहित कुल 75 सीटों पर जीत मिली है और उसे कुल 4.87 लाख मत प्राप्त हुए हैं। हालांकि, भाजपा केवल पांच जिलों- जम्मू, कठुआ, उधमपुर, सांबा, डोडा- में ही स्पष्ट बहुमत हासिल कर पाई है, ये सभी जिले जम्मू संभाग के हैं। गुपकर गठबंधन ने पीर पंजाल और चिनाब घाटी के किश्तवाड़ और रामबन जिले में अच्छा प्रदर्शन किया है, इससके अलावा नेशनल कांफ्रेंस एक-एक सीट जम्मू एवं सांबा में जितने में कामयाब हुई है। कांग्रेस को चुनाव में कुल 1.39 लाख मत मिले हैं जबकि निर्दलीयों के खाते में 1.71 लाख मत गए हैं। केंद्रीय मंत्री और जम्मू-कश्मीर डीडीसी चुनाव के लिए भाजपा प्रभारी अनुराग ठाकुर ने दावा किया कि केंद्र शासित प्रदेश की जनता ने गुपकर गठबंधन को खारिज कर दिया है और भाजपा का समर्थन किया है जिसने पहली बार कश्मीर में तीन सीटों पर जीत दर्ज की है और यह पार्टी के लिए एक प्रवेश द्वार की तरह है।