‘डमी नामांकन’ को ले 27 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस, जानें पूरा मामला
- बुनियादी ढांचे के मानदंडों का उल्लंघन भी मसला
सीबीएसई ने छात्रों के ‘डमी नामांकन’ के लिए दिल्ली और राजस्थान के 27 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसके अतिरिक्त, स्कूल बोर्ड के बुनियादी ढांचे के मानदंडों का उल्लंघन करते पाए गए। नियमों का पालन न करने के दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर भी विचार किया जा रहा है।
शीर्ष अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। बोर्ड गैर-अनुपालन के दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई पर भी विचार कर रहा है। यह कदम केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा डमी विद्यालय की समस्या की जांच के लिए इनका औचक निरीक्षण करने के बाद उठाया गया।
सीबीएसई के सचिव हिमांशु गुप्ता ने कहा, निरीक्षण किए गए अधिकांश स्कूलों में बोर्ड के संबद्धता उपनियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया कि उन्होंने छात्रों की वास्तविक उपस्थिति के रिकॉर्ड से अधिक छात्रों को नामांकित किया, जिससे प्रभावी रूप से ‘डमी’ (छद्म) नामांकन हुआ। इसके अतिरिक्त, स्कूल बोर्ड के बुनियादी ढांचे के मानदंडों का उल्लंघन करते पाए गए।
उन्होंने कहा, सीबीएसई ने इन गंभीर उल्लंघनों का संज्ञान लिया है और दोषी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं। नियमों का पालन न करने के दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर भी विचार किया जा रहा है।
इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बड़ी संख्या में छात्र ‘डमी स्कूलों’ में दाखिला लेना पसंद करते हैं, ताकि वे केवल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पर ध्यान केंद्रित कर सकें। वे कक्षाओं में उपस्थित नहीं होते और सीधे बोर्ड परीक्षा में शामिल हो जाते हैं। कुछ राज्यों के छात्रों के लिए मेडिकल और इंजीनियरिंग संस्थानों में उपलब्ध कोटा को ध्यान में रखते हुए, अभ्यर्थी ‘डमी स्कूलों’ का भी चयन करते हैं।
उदाहरण के लिए दिल्ली में कक्षा 11 और 12 पूरी करने वाले उम्मीदवारों पर दिल्ली राज्य कोटे के तहत राष्ट्रीय राजधानी के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए विचार किया जाता है। इस वर्ष की शुरुआत में सीबीएसई ने फर्जी छात्रों और अयोग्य उम्मीदवारों को दाखिला देने वाले 20 स्कूलों की संबद्धता रद्द कर दी थी। (भाषा)