पचुवाडा नॉर्थ कॉल ब्लॉक के WBPDCL को मिली झारखण्ड सरकार के वन विभाग के तरफ से वनभूमि विमुक्ति की स्वीकृति
- आगामी 25 वर्षों तक चलेगा उत्खनन कार्य
- 22 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर पाएंगे : अनिल रेड्डी
झारखण्ड/पाकुड़, अमड़ापाड़ा : ज़िले के अमड़ापाड़ा प्रखंड अंतर्गत पचुवाडा नॉर्थ कॉल ब्लॉक के वेस्ट बंगाल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (WBPDCL) को वन संरक्षण एवं सम्वर्धन अधिनियम 1980 के तहत वन भूमि को गैर वाणिज्यिक कार्य (कोयला उत्खनन) हेतु झारखण्ड सरकार के वन विभाग के तरफ से वनभूमि विमुक्ति की स्वीकृति आज प्रदान की गई।
अब नॉर्थ कोल ब्लॉक के 10 गांव (चिल्गो, सिंहदेहरी, धमनिचुआ, सकलमा, बड़ाबंधखोई, लिट्टीपाड़ा, डांगापाडा, चिरुडीह, पचुवाड़ा एवं बिशनपुर) में WBPC एवं एमडीओ बीजीआर के साथ न सिर्फ रैयती ज़मीन पर बल्कि फॉरेस्ट लैंड पर भी माइनिंग का काम करेगी।
WBPDCL के जनरल मैनेजर रामाशीष चटर्जी ने आज आलुबेड़ा स्थित कार्यलय में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर बड़े हर्ष के साथ इस समाचार को साझा किया और बताया कि हमारे झारखण्ड सरकार द्वारा कोयला खनन के लिए वनभूमि की मंजूरी WBPDCL को दे दिया गया है।
ज्ञात हो कि आज हमारे देश को बिजली उत्पादन की आवश्यकता है और हम सभी जानते है कि बिजली उत्पादन के लिए कोयला का उत्पादन कितना महत्व रखता है। परंतु कोयला उत्पादन के साथ ही साथ हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ी है कि इस प्रक्रिया की निगरानी
अच्छे से करें। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि कोयला खनन के बावजूद भी प्राकृतिक संसाधनो का संरक्षण और पुनःनिर्माण की प्रक्रिया का हम पूरी तरह से पालन करते रहे।
कोयले के खनन से राज्य को राजस्व में बढ़ोतरी होगी और साथ-साथ कोयले का उत्पादन भी बढ़ेगा और देश में बिजली का उत्पादन भी अधिक होगा।
उन्होंने प्रेस/मीडिया के माध्यम से जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारी डी.सी., ए.सी., डी.एफ.ओ., एस.पी., एस.डी.ओ, डी.एम.ओ, सी.ओ. (अमड़ापाड़ा), थाना प्रभारी (अमड़ापाड़ा) का अभिवादन किया और धन्यवाद ज्ञापन किया जिनके सहयोग के बिना ये कार्य संभव नहीं था।
आज के प्रेस कॉन्फ्रेंस में खान प्रबंधक नरेंद्र कुमार, गुर्रम वेंकटेश नारायण, पीआर संजय बेसरा आदि मौजूद थे।