बालासोर रेल हादसे में मारे गए 52 मृतकों की अब तक नहीं हुई पहचान
- 2 शवों का किया अंतिम संस्कार
#Balasore Train Accident : बालासोर रेल हादसे में मारे गए करीब 50 लोगों की पहचान अब तक नहीं की जा सकी और उनके शव अब भी भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में रखे हुए हैं। इस बीच, भुवनेश्वर नगर निगम (BMC) ने 2 पीड़ितों के अवशेषों का यहां सत्य नगर श्मशान भूमि में अंतिम संस्कार कर दिया है।
एक अधिकारी ने बताया कि एम्स, भुवनेश्वर में हादसे में मारे गए 81 लोगों के शव रखे गए थे जिनमें से 29 शवों की पहचान डीएनए जांच के जरिए की गई। पहचाने गए 29 शवों में से 22 का रविवार को दाह संस्कार कर दिया गया। उन्होंने बताया, मौजूदा समय में ट्रेन हादसे में मारे गए 52 पीड़ितों के शव एम्स, भुवनेश्वर में रखे गए हैं।
बीएमसी के अधिकारियों ने रविवार को बताया कि जिन दो लोगों के शवों का दाह संस्कार किया गया है उनकी पहचान झारखंड निवासी दिनेश यादव (31) और बिहार निवासी सुरेश राय (23) के तौर पर की गई है। अधिकारी के मुताबिक दो जून को बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में कुल 293 यात्रियों की मौत हुई थी जिनमें से 287 यात्रियों की मौके पर ही जान चली गई थी जबकि छह अन्य ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा।
उन्होंने बताया कि एम्स, भुवनेश्वर ने ट्रेन हादसे के तीन पीड़ितों के शव उनके पैतृक निवास भेजने की व्यवस्था की थी जिनमें से एक मृतक का परिवार, शव को बिहार स्थित अपने पैतृक गांव ले गया जबकि दो अन्य पीड़ितों के परिवार लंबी यात्रा के मद्देनजर पार्थिव शरीर ले जाने को इच्छुक नहीं थे।
अधिकारी ने बताया कि दोनों परिवारों को बीएमसी ने भुवनेश्वर स्थित श्मशान भूमि में शव के दाह संस्कार की मंजूरी दी। उन्होंने बताया कि एक ही शव के कई दावेदार होने की वजह से डीएनए नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। अधिकारी ने बाकी बचे 52 शवों के बारे में कहा, हमें उम्मीद है कि डीएनए जांच के नतीजे अगले दो तीन दिन में आ जाएंगे।
गौरतलब है कि दो जून को बालासोर जिले के बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन पर एक मालगाड़ी और दो एक्सप्रेस ट्रेनें दुर्घटना की शिकार हो गई थीं जिनमें पश्चिम बंगाल के शालीमार से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक खड़ी हुई मालगाड़ी शामिल थी।
(भाषा)