नए संसद भवन उद्‍घाटन का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

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  • विवाद बढ़ा

नए संसद भवन के उद्‍घाटन को जारी विवाद बढ़ता ही जा रहा है। करीब 20 दलों द्वारा उद्‍घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा के बीच अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में जनहित याचिका दायर कर भारत के राष्ट्रपति द्वारा नई संसद का उद्घाटन करने के लिए लोकसभा सचिवालय और भारत सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है।

 

 

सुप्रीम कोर्ट के वकील सीआर जया सुकिन ने अपनी याचिका में कहा है कि उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को शामिल नहीं करके भारत सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है। इससे संविधान का सम्मान भी नहीं किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का लोकार्पण करेंगे।

 

 

सुकिन ने अपनी याचिका में कहा है कि राष्ट्रपति संसद का एक अभिन्न अंग हैं। बावजूद इसके उन्हें शिलान्यास समारोह से भी दूर रखा गया। अब उद्घाटन समारोह से भी उन्हें अलग रखा गया है। सरकार का यह फैसला कतई उचित नहीं है।

 

 

उल्लेखनीय है कि नवीन संसद भवन के उद्‍घाटन के मामले में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों ही आमने-सामने हैं। कांग्रेस समेत करीब 20 दलों ने समारोह के बहिष्कार की घोषणा की है। हालांकि बीजू जनता दल और तेलुगू देशम पार्टी समारोह में हिस्सा लेगी।

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