प्राथमिकी दर्ज करवाने हेतु राँची नगर आयुक्त को लिखा स्मार-पत्र
- आरटीआई के अंतर्गत रांची नगर निगम के इंफोर्समेंट टीम द्वारा पब्लिक से वसूले गए लाखों रुपए का हिसाब नहीं दिए जाने पर प्रथम दृष्टया गबन का मामला आया सामने
झारखण्ड/राँची : सूचना अधिकार कार्यकर्ता दीपेश कुमार निराला द्वारा एक आरटीआई आवेदन लगाकर रांची नगर निगम के जन सूचना पदाधिकारी सह सहायक नगर आयुक्त से रांची नगर निगम की इंफोर्समेंट टीम द्वारा इनकी नियुक्ति से लेकर अब तक पब्लिक से वसूले गए जुर्माना राशि के संबंध में सूचना की मांग की है, जिस पर सूचना दिया गया कि इंफोर्समेंट टीम द्वारा वसूला गया जुर्माना राशि का सूचना रांची नगर निगम में संधारित नहीं है।
साथ ही उक्त आरटीआई में इंफोर्समेंट टीम की नियुक्ति का प्रावधान और इंफोर्समेंट टीम के लोगों द्वारा झारखंड पुलिस के समान हू-ब-हू खाकी वर्दी पहनने का प्रावधान एवं रांची की भूतपूर्व मेयर द्वारा प्राप्त विभिन्न शिकायतों के आधार पर इंफोर्समेंट टीम के पदाधिकारियों के कार्यों की समीक्षा उपरांत चिन्हित 12 लोगों पर कार्रवाई के दिए निर्देश के आलोक में हुई कृत-कार्रवाई की सूचना की भी मांग की गई थी, लेकिन इन बिंदुओं पर कोई भी सूचना नहीं दी गई, केवल 48 इंफोर्समेंट ऑफिसर के नाम और उनको मिलने वाले मानदेय की सूचना प्राप्त हुई थी।
इस पर आवेदक ने दिनांक 16.04.2013 को नगर आयुक्त श्री शशि रंजन को पत्र लिखकर इंफोर्समेंट टीम के लोगों द्वारा पब्लिक और दुकानदारों से वसूले गए लाखों रुपए की सूचना का संधारण रांची नगर निगम में नहीं होने पर इस मामले को प्रथम दृष्टया गबन का मामला मानते हुए इस पर प्राथमिकी दर्ज कराकर संपूर्ण मामले की जांच कराने का अनुरोध किया, लेकिन अब तक नगर आयुक्त द्वारा आवेदक को एफआईआर दर्ज होने अथवा अन्य किसी तरह की कार्रवाई होने व इंफोर्समेंट टीम द्वारा वसूले गए जुर्माना राशि की सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई है, जिस पर यह स्मार-पत्र आवेदक ने नगर आयुक्त को प्राथमिकी दर्ज करवाकर कार्रवाई हेतु प्रेषित किया है।