Chandra Grahan 2023: बुद्ध पूर्णिमा पर लग रहा साल का पहला उपछाया चंद्र ग्रहण, जानिए सूतक काल और ग्रहण का समय

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आज यानी की 5 मई, 2023 को बुद्ध पूर्णिमा को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। वैशाख पूर्णिमा पर लगने वाला यह चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। उपछाया चंद्र ग्रहण चंद्रमा का कोई भाग कटा हुआ नजर नजर नहीं आएगा। हालांकि ग्रहण के दौरान चंद्रमा में धुंधलापन दिखाई देगा। बता दें कि 15 दिन के अंतराल पर यह चंद्र ग्रहण लग रहा है। इससे पहले साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको चंद्र ग्रहण का समय, परमग्रास, सूतक काल आदि के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही यह चंद्र ग्रहण कहां-कहां नजर आएगा।
चंद्र ग्रहण का समय
साल का पहला चंद्र ग्रहण बुद्ध पूर्णिमा पर 05 मई 2023 की रात 08:44 मिनट से शुरू होगा। वहीं इसका समापन देर रात 01:02 मिनट पर होगा। चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 15 मिनट की होगी। चंद्र ग्रहण का परमग्रास समय रात के 10:53 मिनट पर है। बता दें कि तुला राशि और स्वाती नक्षत्र में उपछाया चंद्र ग्रहण लगेगा। 
पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण
विज्ञान के मुताबिक सूर्य ग्रहण अधिकतर अमावस्या के दिन और चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन लगता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन ही क्यों लगता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, जब भी चंद्रमा पृथ्‍वी की छाया में आता है, तो वह दिन पूर्णिमा का दिन होता है। पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने के पीछे का कारण सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा का एक सीध में आना होता है।
सूतक काल समय और नियम
ग्रहण को अशुभ माना जाता है, फिर चाहे वह सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण। शास्त्रों के मुताबिक राहु द्वारा चंद्रमा को ग्रसित करने से चंद्रमा दूषित हो जाता है। चंद्र ग्रहण हमारे जीवन को प्रभावित करता है। इसीलिए ग्रहण शुरू होने से पहले सूतक काल लग जाता है। सूतक काल में तुलसी में जल डालना, भोजन खाने और पूजा की मनाही होती है। वहीं ग्रहण के खत्म होने तक कोई भी सामाजिक व धार्मिक कार्य नहीं करना चाहिए। हालांकि साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
अशुभ प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार, चंद्रमा मन का कारक होता है। इसलिए चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति को मानसिक तनाव या पीड़ा रहती है। व्यक्ति निर्णय लेने में सक्षम नहीं होता है, साथ ही स्वभाव में चिड़चिड़ापन आने लगता है। चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए ग्रहण काल में वैदिक मंत्रों के जाप की सलाह दी जाती है।
कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण
साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। यूरोप के साथ ही एशिया के अधिकतर हिस्सों अफ्रीका, प्रशांत,अटलांटिक,अंटार्कटिका, हिंद महासागर और ऑस्ट्रेलिया में नजर आएगा।

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