मोरबी ब्रिज हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 141 हुई

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  • बचाव अभियान जारी
  • पुल एक सदी से भी अधिक समय पुराना

गुजरात के मोरबी शहर में मच्छु नदी पर केबल पुल हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर सोमवार को 141 हो गई। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी कई एजेंसियों द्वारा चलाए जा रहे बचाव अभियान पर नजर रखने के लिए रातभर मोरबी में रहे। बचाव अभियान जारी है। राज्य सरकार ने पुल टूटने की घटना की जांच के लिए एक समिति गठित की है।

 

गुजरात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बचाव अभियान जारी है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी कई एजेंसियों द्वारा चलाए जा रहे बचाव अभियान पर नजररखने के लिए रातभर मोरबी में रहे।

 

राजधानी गांधीनगर से करीब 300 किलोमीटर दूर स्थित मोरबी में मच्छु नदी पर बना यह पुल एक सदी से भी अधिक समय पुराना है। मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य के बाद इसे आमजन के लिए पांच दिन पहले ही खोला गया था। पुल रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे टूट गया। राजकोट के रेंज महानिरीक्षक अशोक यादव ने बताया, पुल टूटने की घटना में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 141 हो गई है।

 

राज्य के सूचना विभाग ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के पांच दल, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के छह दल, वायुसेना का एक दल, सेना की दो टुकड़ियां तथा भारतीय नौसेना के दो दलों के अलावा स्थानीय बचाव दल तलाश अभियान में शामिल हैं। तलाश अभियान रातभर चला, जो अब भी जारी है। यादव ने कहा, बचाव अभियान अभी जारी है।

 

 

संघवी ने कहा कि राज्य सरकार ने पुल टूटने की घटना की जांच के लिए एक समिति गठित की है। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अंग्रेज़ों के समय का यह हैंगिंग ब्रिज जिस समय टूटा, उस समय उस कई महिलाएं और बच्चे मौजूद थे तथा पुल टूटने के कारण वे नदी में गिर गए।

 

जब पुल टूटा तो उस समय स्थानीय लोगों के अलावा नजदीकी शहरों और गांवों के लोग भी पुल पर मौजूद थे। दीपावली की छुट्टी और रविवार होने के कारण पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे इस पुल पर काफी भीड़ थी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हादसे से पहले कुछ लोगों को पुल पर कूदते और उसके बड़े तारों को खींचते हुए देखा गया। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पुल लोगों की भारी भीड़ के कारण टूटकर गिर गया हो।

 

उन्होंने बताया कि जब पुल टूटा तो लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरे। कई लोगों को अपने आप को नदी में गिरने से बचाने के लिए पुल के एक छोर से लटके हुए भी देखा गया। पुल टूटने के बाद उसका एक हिस्सा नदी में लटक गया।

 

एक स्थानीय अस्पताल में लोगों ने भीड़ होने से रोकने तथा एंबुलेंस के लिए रास्ता साफ करने के लिए मानव श्रृंखला बना ली। एक निजी संचालक ने लगभग छह महीने तक पुल की मरम्मत का काम किया था। पुल को 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर जनता के लिए फिर से खोला गया था।

 

एक अधिकारी ने बताया कि मरम्मत का काम पूरा होने के बाद इसे जनता के लिए खोला गया था लेकिन स्थानीय नगर निकाय ने अभी तक कोई फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नहीं किया था।

 

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया कि गुजरात में मौजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पटेल और अन्य अधिकारियों से बात की है। मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है।

 

 

राज्य सरकार ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजन को चार-चार लाख रुपए और घायलों को पचास-पचास हजार रुपए का मुआवजा दिए जाने की घोषणा की है। भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों ने बताया कि इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मेादी ने राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सोमवार को अहमदाबाद में होने वाला अपना रोडशो रद्द कर दिया है। वह अहमदाबाद में कुछ रेल परियोजनाओं के उद्घाटन के कार्यक्रम में शामिल होंगे।

 

 

सूत्रों ने बताया कि मोदी की उपस्थिति में मंगलवार को होने वाले पेज कमेटी सम्मेलन को भी रद्द कर दिया गया है। वहीं कांग्रेस ने कहा कि सोमवार को राज्य के पांच जोन से गुजरने वाली उसकी परिवर्तन संकल्प यात्रा को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है।

 

(भाषा) Chetan Gour

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