एक दिवसीय आंगनबाड़ी सेविकाओं का प्रशिक्षण व ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति का हुआ गठन
झारखण्ड/पाकुड़, अमड़ापाड़ा : आज झारखण्ड विकास परिषद द्वारा चाइल्ड लाइन परियोजना के तहत एक दिवसीय आंगनबाड़ी सेविकाओं का प्रशिक्षण ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन एवं चाइल्डलाइन 1098 की सेवाओं को लेकर आयोजित की गई।
प्रशिक्षण का शुभारंभ बाल विकास परियोजना के एलएस बॉबी कुमारी एवं समन्वयक मनोरंजन सिंह के द्वारा किया गया।
चाइल्डलाइन के समन्वयक मनोरंजन सिंह ने मौके पर कहा कि जुवेनाइल जस्टिस केयर एंड प्रोटेक्शन एक्ट 2015 के अनुसार सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में बाल संरक्षण समिति का गठन किया जाना आवश्यक है। इस समिति का गठन 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के सर्वांगीण विकास एवं उनको विभिन्न प्रकार के सामाजिक बुराइयां जैसे बाल विवाह बाल मजदूरी बाल तस्करी एवं अन्य प्रकार के दुर्व्यवहार से बचाने के लिए भीएलसीपीसी का गठन किया जाना है। इस समिति के सदस्य ग्राम प्रधान आंगनवाड़ी सेविका सैयां स्वयं सहायता समूह के प्रतिनिधि बाल संसद के प्रतिनिधि एवं विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य वह सामाजिक कार्यकर्ता होंगे जिनकी संख्या कुल 9 होगी।
समिति का कार्य मुख्य रूप से ऐसे बच्चे जिनके माता पिता की मृत्यु हो गई है उसकी पहचान करना, विधवा मां के बच्चे, एकल अभिभावक, नशाखोरी के शिकार बच्चे जिनके माता-पिता जेल में हो, निशक्तआ से ग्रसित बच्चे, एचआईवी से प्रभावित बच्चे, बाल मजदूरी, बाल तस्करी से छुड़ाए गए बच्चे जिनका इस्तेमाल गैरकानूनी कार्यो के लिए किया जाता हो, अति गरीब भूमिहीन परिवार के बच्चे, अति वंचित समुदाय के बच्चे और सुरक्षित पलायन करने वाले परिवार या व्यक्ति के बच्चे बाल विवाह कराए गए बच्चे को न्याय दिलाना एवं सरकारी योजना व काउंसिलिंग के माध्यम से समाज के मुख्य धारा से जोड़ना ही इनका कार्य होगा।
वही एलएस बॉबी कुमारी ने कहा कि हर आंगनवाड़ी स्तर पर ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति का पुनर्गठन आम सभा के माध्यम से करें।
इस प्रशिक्षण में अमड़ापाड़ा प्रखंड के 10 पंचायत के सेविका प्रतिभागी के रूप में मौजूद थे एवं चाइल्डलाइन टीम के कार्यकर्ता थॉमस टूडू , अजय मुर्मू,फुलमनी सोरेन आदि मौजूद थे।