पंजाब में पराली जलाने का टूटा रिकॉर्ड, धुएं से दिल्ली के लोगों का घुट रहा दम
कोरोना महामारी के साथ-साथ प्रदूषण अब राजधानी दिल्ली में कहर बनकर बरपा है। बता दें कि प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ने के पीछे किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि पराली जलाने की समस्या जल्द खत्म हो जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। बता दें कि पंजाब में पराली जलाने के मामले में तीन साल के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है। जानकारी के मुताबिक, पराली जलाने के मामले 3500 के पार हो गया है जिसका धुंआ अब दिल्ली में भी देखने को मिल रहा है। बता दें कि रविवार को पराली के धुंए से दिल्ली 29 फीसदी प्रदूषित हो गई है।
अक्सर नवंबर तक पराली जलाने के मामलों में कमी आ जाती है लेकिन पहले हफ्ते बीत जाने के बावजूद भी यह समस्या ठीक नहीं हो रही है। एक्सपर्ट के मुताबिक,साल 2019 में सरकार द्वारा जारी किए सख्त कानून के कारण से किसान पराली जलाने में नाकामयाब हुई थी लेकिन इस बार कोरोना के कारण किसानों को आर्थिक समस्या से भी काफी जूझना पड़ रहा है। एक खबर के अनुसार, पंजाब में पराली जलाने के मामलों में काफी तेजी आई है , जहां 7 नंवबर को पराली जलाने के मामले 58448 आए हैं वहीं आने वाले समय में इन संख्या में और भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। पंजाब के संगरूर में 6876, फिरोजपूर में 5609, भंटिडा में 4451, पटियाला में 4344 और तरन तारन में 4238 पराली जलाने के मामलें सामने आ चुके हैं।
आने वाले दो दिन दिल्लीवासियों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकती है। वायु गुणवत्ता में सुधार तभी मुमकिन है जब पराली जलाने की समस्या में कमी आएगी। सैटेलाइट इमेज में पंजाब, हरियाणा यूपी उतराखंड में पराली जलाने के 3780 मामले सामने आ चुके हैं।