सुशासन सहयोगी बच्चों को कम लागत पर गुणवतायुक्त शिक्षा उपलब्ध करवाने के विकल्प तलाशें – मनोहर लाल
चंडीगढ़ । मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी प्रदेश के बच्चों को कम लागत पर गुणवतायुक्त शिक्षा उपलब्ध करवाने के विकल्प तलाश करें ताकि जमीनी स्तर तक शिक्षा उपलब्ध हो सके। इसके अलावा स्कूलों में बेहतर बुनियादी ढांचा उपलब्ध करवाने के लिए भी अपने सुझाव दें।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज यहां विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों एवं मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगियों के साथ प्रदेश में चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्राईमरी एवं वरिष्ठ माध्यमिक मॉडल संस्कृति स्कूलों में पर्याप्त शिक्षकों की व्यवस्था करने के अलावा विद्यार्थियों के लिए सीटें तथा निर्धारित फीस बारे अधिसूचना जारी करें। उन्होंने कहा कि ’’सुपर 100 कार्यक्रम’’ बहुत ही कारगर ढंग से चल रहा है। इसके माध्यम से युवाओं को नीट, आईआईटी में प्रवेश मिला है। उन्होंने इस कार्यक्रम के विस्तार के साथ साथ ’’बुनियाद कार्यक्रम’’ चलाने के लिए भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए ताकि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों का तकनीकी संस्थानों में प्रवेश हो सके।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खोले जाने वाले 4 हजार प्ले स्कूलों में भी आवश्यक सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए । प्ले स्कूलों का संचालन करने के लिए आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आंगनबाडी केन्द्र व प्ले स्कूलों में पूरक पोषण, प्रारम्भिक स्कूली शिक्षा, टीकाकरण, जैसी 6 तरह की सेवाएं मुहैया करवाई जा रही हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना के तहत प्रदेश की कृषि भूमि का पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए मार्केटिंग बोर्ड के 114 कार्यालयों के साथ साथ खण्ड स्तर पर स्थित 142 कार्यालयों में भी पंजीकरण सुविधा निशुल्क उपलब्ध करवाई जाए। इसके अलावा सीएससी के माध्यम से पंजीकरण करवाने वाले किसानों के रजिस्ट्रेशन की लागत की भरपाई भी करवाना सुनिश्चित करें।
मनोहर लाल ने कहा कि मुख्यमंत्री परिवार उत्थान योजना के दूसरे चरण के अंत्योदय मेले 2 मार्च से शुरू किए जाएंगे। इन मेलों में हेल्पडेस्क पर विभिन्न 54 योजनाओं की ऑडियो व वीडियो रिकॉडिंग चलाई जाएं ताकि लाभार्थियों को पूरी जानकारी हासिल हो सके। इसके अलावा कांउसलिंग के दौरान ऋण, स्वरोजगार तथा प्रशिक्षण आदि की सभी जानकारी व विकल्प लाभार्थियों को दिए जाएं। उन्होंने कहा कि मेलों में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए निजी कम्पनियों के भी कांउटर लगाए जाए।
बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगियों ने सांझा किया कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न फ्लैगशिप योजनाओं को चार मुख्य श्रेणियों रोजगार, स्व-रोजगार, कौशल विकास और छात्रवृत्ति में विभाजित किया गया है। जमीनी स्तर पर लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया। क्रियान्वित सभी योजनाओं का विश्लेषण किया गया जिसमें यह पाया गया कि वास्तविक लाभार्थियों तक रोजगार योजनाओं की व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक समर्पित वन-स्टॉप ’सशक्त युवा’ पोर्टल विकसित किया जाना चाहिए, जिस पर रोजगार, से संबंधित सभी योजनाओं की जानकारी एक ही पोर्टल पर उपलब्ध हो सके।
बैठक में स्वरोजगार के लिए वर्तमान में चलाई जा रही सरकारी योजनाओं की भी वास्तिवक स्थिति की जानकारी सांझा की गई। इसके लिए भी स्वरोजगार नामक पोर्टल बनाने का सुझाव दिया गया, जिस पर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी प्रकार की स्वरोजगार योजनाओं की जानकारी उपलब्ध हो। इससे इन योजनाओं की वास्तविक ट्रैकिंग और विभागों पर भी निगरानी सुनिश्चित होगी।
मुख्यमंत्री ने प्ले स्कूल, मॉडल संस्कृति स्कूल, सुपर 100 कार्यक्रम, मुख्यमंत्री अंत्योदय उत्थान योजना, मेरी फसल मेरा ब्यौरा, ग्राम दर्शन, व नगर दर्शन, ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स, जनसहायक ऐप, ई-आफ़िस, सरल पोर्टल आदि योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अमित झा, डा. महावीर सिंह, डा. सुमिता मिश्रा, प्रधान सचिव श्री विनीत गर्ग, श्रीमती जी अनुपमा, श्री अरूण कुमार गुप्ता, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डा. अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री अंत्योदय उत्थान योजना के मिशन निदेशक श्री मनदीप बराड सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।