चुनाव आयोग यूपी के विधानसभा चुनाव में सभी बूथों पर, पहली बार करने जा रहा है VVPAT का उपयोग
चुनावों में नतीजे आने के बाद अक्सर राजनीतिक दल EVM की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं। इसी के मद्देनजर अब चुनाव आयोग ने वीवीपैट के उपयोग का निर्णय लिया है। ऐसा पहली बार होगा जब उत्तर प्रदेश के सभी पोलिंग बूथ पर वीवीपैट मशीनें लगाई जाएंगी।
चुनाव आयोग का कदम
चुनाव आयोग इस बार विधानसभा चुनावों में ईवीएम के साथ वोटर वेरिफिएबल ऑडिट ट्रेल (VVPT) का उपयोग करेगा। उत्तर प्रदेश में पहली बार सभी पोलिंग बूथ पर वीवीपैट मशीनें लगाई जाएंगी। चुनाव आयोग के एक अधिकारी के मुताबिक, आयोग के इस कदम से वोटर इस बात को सुनिश्चित कर सकेंगे कि उनका वोट उनकी पसंद के उम्मीदवार को ही गया है। चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के अनुसार सभी चुनावी राज्यों में ईवीएम मशीनों के साथ वीवीपैट को जोड़ा जाएगा।
कैसे काम करती है यह मशीन
आपको बता दें ईवीएम पर वोट डालने के बाद वीवीपैट एक पेपर प्रिंट करता है, जिसे खुद वोटर चेक कर सकता है। जिससे उसे अपने दिए गए वोट पर संदेश ना हो। मशीन से निकली हुई इस पर्ची को बॉक्स में डाल दिया जाता है, अगर किसी भी तरह की विवाद की स्थिति आती है तो इसका उपयोग किया जा सकता है।
यूपी में भी लगेगी वीवीपैट मशीनें
आयोग के अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के चुनाव में थर्ड जनरेशन M-3 EVM मशीनों का उपयोग किया जाएगा। यह मशीन छेड़छाड़ करने की स्थिति में अपने आप ही काम करना बंद कर देगी। रविवार को ईवीएम में पेपर डालने का काम पूरा हो गया है।
आपको बता दें, 8 अक्टूबर 2013 को एक याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनाव आयोग वीवीपैट का आगामी चुनावों में उपयोग करे। जिससे चुनावों में पारदर्शिता निश्चित की जा सके। आपको बता दें कि पिछले साल हुए पश्चिम बंगाल, तमिल नाडु, असम और पुडुचेरी विधानसभा चुनावों में भी इन मशीनों का उपयोग किया गया था।
2017 के विधानसभा चुनावों में भी लगी थीं वीवीपैट मशीनें
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2017 के प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में परीक्षण के तौर पर 30 विधानसभा क्षेत्रों के सभी पोलिंग बूथों पर वीवीपैट मशीनें लगाई गई थीं। वीवीपैट का उपयोग 2019 के आम चुनावों में भी सभी सीटों के पोलिंग बूथों पर किया गया था।