नोएडा से पंकज सिंह पर रहेगा जीत का दबाव, सपा गठबंधन और कांग्रेस के प्रत्याशियों से मिल रही कड़ी चुनौती

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सभी पार्टियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान भी होना है। इन सबके बीच नोएडा से भाजपा उम्मीदवार पंकज सिंह पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। नोएडा में पहले चरण में ही विधानसभा के लिए चुनाव होने है। नोएडा सीट पहली बार 2012 में अस्तित्व में आया था। पहले यह दादरी विधानसभा सीट का हिस्सा हुआ करता था। नोएडा सीट पूरी तरह से शहरी क्षेत्र है जहां देश के विभिन्न हिस्सों से आकर लोग बसे हैं। यह औद्योगिक नगरी है और अवध, पूर्वांचल, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड के मतदाताओं की संख्या यहां काफी है। 2012 में पहली बार यहां से महेश शर्मा ने चुनाव जीता था। हालांकि 2014 के चुनाव में महेश शर्मा सांसद चुने गए। 2014 में नोएडा सीट पर विधानसभा के उपचुनाव हुए जहां भाजपा उम्मीदवार कमला बाथम ने सपा की काजल शर्मा को हराया था।
 

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2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यहां राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह पर विश्वास जताया। पंकज सिंह को नोएडा से भाजपा ने प्रत्याशी बनाया और उन्होंने शानदार जीत भी हासिल की। पंकज सिंह ने कांग्रेस सपा के संयुक्त प्रत्याशी सुनील चौधरी को बड़े अंतर से हराया था। इसी के साथ पंकज सिंह पहली बार विधायक बने थे। सुनील चौधरी को 58401 वोट मिले थे जबकि पंकज सिंह को 162417 वोट हासिल हुए थे। इस बार भी सुनील चौधरी सपा-आरएलडी गठबंधन के प्रत्याशी हैं और तीसरी बार चुनावी मैदान में है। हालांकि समाजवादी पार्टी को अब तक नोएडा में कोई सफलता नहीं मिल सकी है।
 

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2022 के विधानसभा चुनाव में जहां पंकज सिंह पर जीत का दबाव रहेगा, वहीं सुनील चौधरी भी इस बार अपना पताका लहराना चाहेंगे। नोएडा के यादव मतदाताओं में भी बिखराव है। नोएडा में बसपा की भी अच्छी पकड़ मानी जाती है। भाजपा ने एक बार फिर से ब्राह्मण चेहरे को चुनावी मैदान में उतारा है। कृपाराम शर्मा इस बार बसपा के प्रत्याशी हैं। 2012 के विधानसभा चुनाव में भी बसपा ने यहां ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगाया था हालांकि जीत हासिल नहीं हुई थी। इस बार के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी भी यहां दम लगा रही है। आम आदमी पार्टी ने यहां पंकज अवाना को टिकट दिया है।
 

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कांग्रेस की बात करें तो नोएडा में शहरी मतदाताओं की संख्या ज्यादा हैं। ऐसे में पार्टी को भी यहां सफलता की उम्मीद है। कांग्रेस ने यहां इस बार डबल गेम भी खेला है। कांग्रेस ने यहां पंखुड़ी पाठक को उम्मीदवार बनाया है। पंखुड़ी पाठक जहां ब्राह्मण हैं तो वहीं उनके पति अनिल यादव हैं। कांग्रेस ब्राह्मण और यावदों के सहारे एक नया समीकरण नोएडा में बनाने की कोशिश में है। पंखुड़ी और अनिल दोनों ही समाजवादी पार्टी में रह चुके हैं। टीवी पर दोनों प्रवक्ता का भी काम कर चुके हैं। ऐसे में उनकी पहचान भी नोएडा में काफी है।
 

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