एक गलत आदेश के चलते 145 छात्राओं के साथ सरकार ने किया खिलवाड़, दर-दर भटक रही है छात्राएं

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भोपाल। मध्य प्रदेश में रोस्टर नियम का हवाला देकर 145 नर्सिग छात्राओं को कॉलेज से बाहर निकाल दिया गया है। छात्राओं को कॉलेज के साथ हॉस्टल से भी बाहर निकाल दिया गया है। यक सभी छात्राएं नर्सिंग कॉलेज की है।

वहीं न्याय की मांग को लेकर गुरुवार को झाबुआ से छात्राएं भोपाल पहुंची। इसमें कुछ आदिवासी छात्राएं भी मौजूद थी। छात्राएं अपने सामान लेकर न्याय की गुहार लेकर मुख्यमंत्री हाउस पहुंची। इसी दौरान एक आदिवासी छात्रा की तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद उसे एक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है।

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अपनी मांगों को लेकर छात्राओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से गुहार लगाते हुए हमारा एडमिशन कैंसिल हो गया है। हमने अपनी टीसी तक कॉलेज में जमा करवा दी है। लेकिन अब एक आदेश जारी कर कह दिया है कि आपकी हमें जरुरत नहीं है। उन्होंने सवाल पूछा कि अब बम कहां जाएं। यह हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

छात्राओं ने कहा कि हमारा सामान हॉस्टल से बाहर कर दिया गया है। हम सभी झबुआ जिले की हैं। उन्होंने कहा कि झाबुआ के अलावा प्रदेश के कई ऐसे जिले हैं जहां ऐसी छात्राएं परेशान हो रही है इन जिलों में मुख्यता सतना रायसेन जबलपुर दमोह है। इन सभी छात्राओं की एक ही समस्या है कि पहले कॉलेज मे एडमिशन दे दिया गया और एक महीने बाद उसे निरस्त कर दिया गया।

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छात्राओं ने यह भी कहा कि पहले हमने प्राइवेट कॉलेजों में एडमिशन लिया था जिसमें हमने मोटी फीस जमा की थी। जब हमारा नाम मेरिट लिस्ट में आया तो बिना फीस रिफंड लिए हम सभी ने इन नर्सिग कॉलेजों में एडमिशन लिया। 1 महीने तक हमारी कक्षा है चलती रही लेकिन उसके बाद अचानक हमारा एडमिशन निरस्त कर दिया गया।

छात्राओं ने कहा कि हमने सभी सरकारी दफ्तरों में अफसरों से गुहार लगाई लेकिन हमारी सुनने वाला कोई नहीं है। छात्राओं ने यह भी कहा कि अब ना हमें प्राइवेट कॉलेज हमारी फीस वापस करेगी ना ही दोबारा यह नर्सिंग कॉलेज हमें एडमिशन देंगे। हमारा भविष्य अंधकार में जाता नजर आ रहा है।

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