तीन दिनों बाद अन्ततः विस्थापित हुए राज़ी, अमड़ापाड़ा में माइंस आज़ से चालू
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- नौ गांव के प्रधान जुटे थे मनाने
- वार्ता की आगामी 23 जनवरी को
- मुन्ना हेम्ब्रम के सहयोगियों सहित एक सौ अज्ञात के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज
झारखण्ड/पाकुड़, अमड़ापाड़ा : तीन दिन से चल रहा हाई वोल्टेज ड्रामा अंततः आज नौ गांव के प्रधान द्वारा सभी ग्रामीणों के साथ बैठक कर सुलझा लिया गया।
विस्थापितों ने मूलभूत सुविधाओं कि जल्द बहाली हेतु आगामी 23 जनवरी को बैठक कर वार्ता करने की बात पर माइंस में आज से पुनः उत्खनन की हामी भरी।
- बंद करवाने वालों पर नकेल कसने के मूड़ में प्रशासन
पहला प्राथमिकी अमड़ापाड़ा थाना काण्ड संख्या 8/22 भारतीय दंड विधान की धारा 147, 148, 149, 323, 341, 504, 506, 509 एवं 353 के तहत पंचूवाड़ा कोल् माइंस के प्रोजेक्ट ऑफिसर तरनी सेन मांझी के लिखित शिकायत पर एवं दूसरा मामला कांड संख्या 9/22 कनीय अभियंता सह प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी सोहेल सेख के लिखित शिकायत पर दर्ज की गयी है।
प्राथिमिकी में कोयला ढुलाई एवं खुदाई जबरन बंद कराने, कोल् कम्पनी के कर्मियों को धमकाने, सरकारी कार्य में बाधा पहुँचाने, राष्ट्रीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने को लेकर झारखण्ड मानवाधिकार जनजागृति कल्याण परिषद के अध्यक्ष मुन्ना हेम्ब्रम उनके समर्थक विजय हेम्ब्रम, बीटी एंजेल, तारा हेम्ब्रम, तुलसी बास्की, पतरस हांसदा, मंटू मुर्मू सहित एक सौ अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है।