400 यात्रियों की बची जान, इंडिगो के 2 विमान आपस में टकराने से बचे, जानें पूरा मामला
बेंगलुरु में इंडिगो के दो विमान जमीन से 3 हजार फीट की ऊंचाई पर आपस में टकराने से बाल-बाल बच गए। इस दौरान दोनों विमान में 400 से ज्यादा यात्री सवार थे। घटना 7 जनवरी की बताई जा रही है। घटना को किसी लॉगबुक में दर्ज नहीं किया गया था और न ही भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने इसकी सूचना दी थी।
डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविशन ने इस बात का खुलासा किया। डीजीसीए के चीफ अरुण कुमार ने कहा कि इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
- वास्तव में क्या हुआ
बेंगलुरु हवाई अड्डा दो रनवे संचालित करता है – उत्तर और दक्षिण। डीजीसीए की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि 7 जनवरी की सुबह उत्तरी रनवे से उड़ानें उड़ान भर रही थीं और दक्षिणी रनवे पर उतर रही थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि रनवे संचालन के एक शिफ्ट प्रभारी ने लैंडिंग और टेक-ऑफ दोनों के लिए एकल रनवे, उत्तरी रनवे का उपयोग करने का निर्णय लिया। तब दक्षिण रनवे को बंद कर दिया गया था, लेकिन दक्षिण टॉवर नियंत्रक को इसकी सूचना नहीं दी गई थी। साउथ टावर कंट्रोलर ने बेंगलुरु जाने वाली फ्लाइट को उड़ान भरने की इजाजत दे दी। वहीं नॉर्थ टावर कंट्रोलर ने भी भुवनेश्वर जाने वाली फ्लाइट को रवाना होने की इजाजत दे दी। डीजीसीए की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण और उत्तरी टावर नियंत्रकों ने बिना समन्वय के मंजूरी दी।
- डीजीसीए ने क्या कहा
डीजीसीए के सूत्रों ने कहा है कि दोनों विमानों को एक ही दिशा में एक साथ उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी। बेंगलुरु-कोलकाता की फ्लाइट में 176 यात्री और छह चालक दल के सदस्य थे, जबकि बेंगलुरु-भुवनेश्वर की फ्लाइट में 238 यात्री और छह चालक दल थे यानि कुल 426 यात्री मौजूद थे।