कोरोना प्रतिबंधों के कारण, सांकेतिक रूप में होगी गंगा आरती; श्रद्धालुओं के प्रवेश पर भी रोक

वाराणसी। जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने संक्रमण के रोकथाम के लिए कई कदम उठाए है। इसी क्रम में उन्होंने गंगा घाटोंपर शाम चार बजे के बाद आने पर प्रतिबंध भी लगाया है। इस कारण, कोरोना की दूसरी लहर के पांच महीनों बाद अपने मूल स्वरुप में लौटी मां गंगा की वैदिक महाआरती एक बार फिर सांकेतिक रूप में की गयी। इस दौरान घाट पर पुलिस का सख्त पहरा रहा।

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सात अर्चकों द्वारा होने वाली मां गंगा की विश्व प्रसिद्ध आरती अब केवल एक अर्चक द्वारा सांकेतिक रूप में की जाएगी, और इस दौरान आरती के लिए इकट्ठा होने वाली भीड़ पर भी प्रतिबंध होगा। वहीं अस्सी घाट पर होने वाले सुबह ए बनारस के कार्यक्रम भी अब कोरोना के दायरे में रह कर होंगे।
 इस सम्बन्ध में गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया की, कोरोना के बढ़ते संक्रमण और एक हजार से अधिक केस होने के बाद जिलाधिकारी ने कई सारे प्रतिबंध लगाए हैं, उन्ही में से एक घाटों पर शाम 4 बजे के बाद का प्रतिबन्ध भी है। उनके निर्देश के क्रम में एक बार फिर करीब चार महीने बाद गंगा आरती को सांकेतिक रूप में एक ब्राह्मण द्वारा किया गया है। 

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सुशांत मिश्रा ने बताया कि, हमने आज मां गंगा से अपने श्रद्धालुओं को इस कोरोना नामक महामारी से सुरक्षित रखने और इसे पूरी तरह नष्ट करने की प्रार्थना कि है, ताकि एक बार फिर सभी भक्त गंगा आरती में सम्मिलित हो सके। सुशांत ने कहा कि, जब तक जिलाधिकारी का कोई नवीन आदेश नहीं आता, तब तक आरती इसी तरह सांकेतिक रूप में होगी।

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