दिल्ली में एक बार फिर तेजी से पैर पसार रहा है कोरोना, बढ़ते मामलों के बीच घर लौटने लगे प्रवासी मजदूर

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बढ़ते कोरोना के मामलों पर रोक लगाने के लिए तमाम राज्यों में एक बार फिर बंदिशों का दौर शुरू हो गया है। दिल्ली सरकार ने भी कोरोना के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए वीकेंड कर्फ्यू लगा दिया है। इन सबके बीच प्रवासी मजदूरों को एक बार फिर लॉकडाउन का डर सताने लगा है। उनको यह आशंका है कि वीकेंड कर्फ्यू के बाद सरकार लॉकडाउन लगाएगी। हालांकि सरकार ने इस बात पर बार-बार जोर दिया है कि यह पाबंदी सिर्फ कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लगाई गई है। लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। लेकिन इसके बावजूद भी मजदूर घर लौटने लगे हैं। वीकेंड कर्फ्यू लागू होने से पहले शुक्रवार को बस अड्डे पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई। हर कोई बस अपने गांव पहुंचना चाहता था।
 वेस्ट दिल्ली के डीएलएफ में कांट्रेक्टर तौफीक आज तक से बात करते हुए कहते हैं कि मजदूर डरे सहमे है, हालांकि वो उन्हें समझा रहे हैं कि, उनकी रोजी-रोटी चलती रहेगी। उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं है। इसके बावजूद मजदूर पैसे की मांग कर रहे हैं। वो ये भी दावा करते हैं कि 5% प्रवासी मजदूर अपने-अपने राज्यों में लौट चुके हैं।
 संक्रमण बढ़ने से मजदूरों को एक बार फिर उनकी नौकरी जाने और लॉकडाउन का डर सता रहा है। आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, गोंडा के रहने वाले रामबाबू एक प्राइवेट बस से चार मजदूरों और उनके परिवार के साथ गोंडा के लिए निकल गए हैं। उन्हें भी इस बात का डर है कि दोबारा लॉकडाउन ना लग जाए।
 स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि, दिल्ली में बस वीकेंड कर्फ्यू लगा है लॉकडाउन नहीं। इसलिए मजदूरों और प्रवासियों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा दिल्ली में केवल सप्ताहिक प्रतिबंध लागू है। कोरोना की रोकथाम के लिए मास्क लगाना और सामाजिक दूरी का पालन करना ही बचाव के उपाय हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गंभीर लक्षण होने पर अस्पतालों में जाएं। अगर माइल्ड सिस्टम हैं तो होम आइसोलेशन में ही इलाज कराएं। होम आइसोलेशन की अवधि भी घटाकर 7 दिन कर दी गई है।
 दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू के बाद सोमवार को दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की मीटिंग बुलाई गई है। बैठक में और सख्त पाबंदी लगाने पर निर्णय हो सकता है। आपको बता दें दिल्ली में कोविड के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सबसे बड़े हिंदू राव, राजन बाबू इंस्टिट्यूट ऑफ पुल्मोनारी मेडिसिन और ट्यूबरकुलोसिस हॉस्पिटल में कोविड-19 कि मरीजों का इलाज होगा। यह दोनों उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आते हैं। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक, हिंदूराव में 100 और राजन बाबू अस्पताल में 50 बेड रिजर्व किए गए हैं। यहां कोविड मरीजों के साथ साथ ओपीडी और सर्जरी की सुविधा भी जारी रहेगी।
 आपकी जानकारी के लिए बता दें, दिल्ली में बीते 24 घंटों में कोरोना के 17000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। दिल्ली में अब कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या अब 39,873 हो गई है। बीजेपी नेता मनोज तिवारी कोरोना संक्रमित हो गए हैं।

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