जब लोग श्मशान पहुंच जाएंगे, तब जागोगे? कोरोना संक्रमण पर फूटा झारखण्ड हाईकोर्ट का गुस्सा
झारखण्ड/राँची : राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई। दरअसल, उच्च न्यायालय ने रिम्स में मेडिकल संसाधनों की कमी और कोरोना से निपटने के लिए इंतजाम की समीक्षा की, जिसके बाद राज्य सरकार से नाराजगी जाहिर की गई। अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए पूछा कि क्या जब लोग श्मशान पहुंच जाएंगे, तब आप जागेंगे?
- अदालत ने जनहित याचिका पर की सुनवाई
जानकारी के मुताबिक, रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन सहित उचित उपकरणों की कमी को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने मौखिक अवलोकन किया।
- अदालत ने लगाई फटकार
चिकित्सा उपकरणों की खरीद में रिम्स के दृष्टिकोण पर उच्च न्यायालय ने निराशा जताई। मुख्य न्यायाधीश रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने पूछा कि क्या जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन पूरे राज्य में कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के फैलने के बाद ही खरीदी जाएगी।
- राज्य सरकार से पूछा यह सवाल
उन्होंने पूछा, ‘ऐसा क्यों है कि अदालत को राज्य सरकार को उसकी जिम्मेदारियों का एहसास कराना पड़ रहा है?’ अदालत ने सरकार और अस्पताल को जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन की खरीद की स्थिति के संबंध में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने इस बात पर भी नाराजगी व्यक्त की कि रिम्स में दवा की एक भी दुकान नहीं है। ऐसे में मरीजों को बाहर से दवा खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है।