अलीगढ़ में ‘धर्म संसद’ के आयोजन को रोकने की मांग

अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)| अलीगढ़ जिले में आगामी 22 जनवरी को प्रस्तावित धर्म संसद का मामला सरगर्म होता जा रहा है और कुछ स्थानीय नागरिकों ने सरकार से इसके आयोजन को रोकने की मांग की है।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हाल में हरिद्वार और छत्तीसगढ़ में हुए ‘धर्म संसद’ में हुए कथित घृणा भाषणों से माहौल खराब हुआ है और अब अलीगढ़ में 22 और 23 जनवरी को ‘धर्म संसद’ के आयोजन की तैयारियां हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि यह चुनाव के समय माहौल खराब करने की सोची समझी साजिश है और प्रशासन को इस पर रोक लगानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि अलीगढ़ में होने वाले ‘धर्म संसद’ में भी कथित भड़काऊ भाषण होने की पूरी आशंका है। इससे सांप्रदायिक लिहाज से संवेदनशील अलीगढ़ में माहौल खराब होगा।
इम्तियाज ने दावा किया कि वह इस मांग को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने जा रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें घर में नजरबंद कर दिया। उन्होंने कहा कि यह उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है।

गौरतलब है कि अलीगढ़ स्थित सनातन हिंदू सेवा संस्थान ने आगामी 22-23 जनवरी को नौरंगाबाद स्थित सनातन भवन में ‘सनातन धर्म संसद’ के आयोजन का ऐलान किया है। हालांकि, जिला प्रशासन ने ऐसे किसी भी कार्यक्रम की जानकारी होने से इंकार किया है।

आयोजक संस्था के व्यवस्थापक अशोक पांडे ने को बताया कि उनका संगठन वर्तमान राजनीति में संतों की भूमिका विषय पर ‘सनातन धर्म संसद’ आयोजित करेगा और इसके लिए समय आने पर प्रशासन से अनुमति ली जाएगी।

संस्थान में कार्यक्रम के सिलसिले में जारी पोस्टर में मुख्य वक्ताओं के तौर पर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि, भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती की तस्वीरें लगाई गई हैं।
इस बारे में जब अलीगढ़ के अपर जिला अधिकारी नगर राकेश कुमार पटेल से संपर्क किया गया तो उन्होंने ऐसे किसी भी कार्यक्रम के बारे में कोई जानकारी होने से इंकार किया। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में अभी तक कोई लिखित आवेदन नहीं दिया गया है।

इससे पहले इम्तियाज की अगुवाई में नागरिकों के एक समूह ने पुराने शहर के अपर कोट इलाके में सिटी मजिस्ट्रेट को दिए गए ज्ञापन में राष्ट्रपति से पिछले महीने हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में मुसलमानों का संहार करने के आह्वान पर चिंता जाहिर करते हुए आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकारें इस मामले पर जरूरी संज्ञान नहीं ले रही हैं।

ज्ञापन में कहा गया कि धर्म संसद में हुई बयानबाजी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है और सरकारों का इस मामले पर रुख बेहद निराशाजनक है, लिहाजा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस मामले में हस्तक्षेप करें। ज्ञापन में कहा गया कि अगर धर्म संसद में आपत्तिजनक बयानबाजी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो इससे देश की शांति खतरे में पड़ जाएगी।

हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए इम्तियाज ने पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से अलीगढ़ में ‘धर्म संसद’ के आयोजन की तैयारियों का खुलकर विरोध करने और इस मामले को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का आह्वान करते हुए यह भी कहा कि सभी शांतिप्रिय लोग एकजुट होकर धर्म संसद के आयोजन को रोकें।

गौरतलब है कि हरिद्वार में पिछली 17 से 19 दिसंबर के बीच आयोजित धर्म संसद में वक्ताओं ने खुले मंच से कथित घृणा भाषण दिया था जिसकी पूरे देश में निंदा की गई थी।

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