2 दिसंबर की संसद की कोविड चर्चा
नई दिल्ली | तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि कोविड प्रबंधन में सरकार की ओर से कई गल्तियां की गयीं। उन्होंने कहा कि देश में जरूरत होते हुए भी टीकों का निर्यात किया गया।
उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति में टीके की तीसरी खुराक की जरूरत की बात कही जा रही है लेकिन बूस्टर खुराक पर आईसीएमआर ने अभी तक कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया है।
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राकांपाा की सुप्रिया सुले ने कहा कि देश में कोविड प्रबंधन में महाराष्ट्र के ‘सफल मॉडल’ की सराहना होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमें इस तरह के संकट से निपटने के लिए अच्छे कौशल की और उसके उन्नयन की जरूरत है।
सुले ने सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके सदस्य बार-बार कहते हैं कि उनसे पहले की सरकारों ने 70 साल में क्या किया।
उन्होंने कहा कि आज देश में जो दो कंपनियां-सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक कोविड टीके बना रही हैं तथा तीसरी कंपनी जाइडस कैडिला जिसके टीके आने वाले हैं, तीनों ही उस कालखंड में ही स्थापित हुई थीं।
निर्दलीय सदस्य नवनीत राणा ने कोरोना महामारी से निपटने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार ने गरीबों को भोजन उपलब्ध कराया।अमरावती से सांसद राणा ने महाराष्ट्र सरकार पर दूसरी लहर को रोक पाने में विफल रहने का आरोप भी लगाया।
आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि सरकार को ‘बूस्टर डोज’ को लेकर अपनी नीति के बारे में बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री और गृह मंत्री को सदन में आकर कोरोना के असर से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में देश को बताना चाहिए।
भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी गई जिसकी पूरी दुनिया में तारीफ की गई।
चर्चा में हिस्सा लेते हुए बीजद के भर्तृहरि महताब ने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ युद्ध अभी समाप्त नहीं हुआ है और इसे लेकर अभी काफी सतर्क रहने की जरूरत है।
कांग्रेस के सप्तगिरी उल्का, केरल कांग्रेस (एम) के थॉमस चाजीकदन, नेशनल पीपुल्स पार्टी की अगाथा संगमा, शिवसेना के श्रीरंग बरणे, बसपा के दानिश अली और जदयू के आलोक कुमार सुमन आदि सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया।
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