कोविड गाइडलाइंस को लेकर आमने-सामने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार, जानें क्या है विवाद?

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कोविड गाइडलाइन को लेकर केंद्र और महाराष्ट्र के बीच नया विवाद सामने आया है। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार की अलग से जारी कोविड संबंधी गाइडलाइन पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नाराजगी जताई है। बताया गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार को हाल ही में कहा है कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए उसकी नई गाइडलाइंस केंद्र से अलग हैं, इसलिए उसे अपने नियमों को केंद्र की तर्ज पर पंक्तिबद्ध करना होगा, ताकि पूरे देश में गाइडलाइंस को समान तरह से लागू किया जा सके। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र के मुख्य सचिव देबाशीष चक्रवर्ती ने पहले तो राज्य द्वारा अपने दिशानिर्देशों में “संशोधन या संशोधन” नहीं करने की बात कही। बाद मे आधिकारिक सूत्रों ने संकेत दिया कि आज दोपहर तक कुछ प्रतिबंधों में संशोधन के साथ “कुछ बदलाव हो सकते हैं।

केंद्र व राज्य के गाइडलाइन

1.) मुंबई हवाई अड्डे पर सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों का अनिवार्य आरटी-पीसीआर परीक्षण, चाहे वह किसी भी देश का हो। केंद्र ने इस तरह के परीक्षण को केवल “जोखिम में” देशों के लोगों के लिए अनिवार्य किया है।

2.) आगमन पर निगेटिव रिपोर्ट वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए अनिवार्य 14-दिवसीय होम क्वारंटीन। केंद्र ने सात दिन निर्दिष्ट किए थे।

3.) मुंबई में उतरने के बाद कनेक्टिंग फ्लाइट लेने की योजना बना रहे यात्रियों के लिए अनिवार्य आरटी-पीसीआर परीक्षण, आगे की यात्रा एक निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट के अधीन है। केंद्र के पास ऐसा कोई मानदंड नहीं है।

4.) अन्य राज्यों से महाराष्ट्र की यात्रा करने वाले घरेलू यात्रियों के लिए वैक्सीनेशन के बावजूद यात्रा की तारीख से 48 घंटे पहले निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट की आवश्यकता।  

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केंद्र ने नहीं जारी की ऐसी कोई गाइडलाइन

ओमाइक्रोन के तेजी से बढ़ते मामलों पर दुनिया भर से रिपोर्ट के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने “जोखिम” के रूप में चिह्नित देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए पांच कदम निर्दिष्ट किएआगमन के प्रश्चात पर कोविड टेस्ट कराना होगा, और एक कनेक्टिंग फ्लाइट को छोड़ने या लेने से पहले रिपोर्ट आने की प्रतीक्षा करनी होगी।निगेटिव रिपोर्ट आने पर उन्हें सात दिनों के लिए होम क्वारंटाइन का पालन करना होगा। इसके बाद आगमन के आठवें दिन फिर से टेस्ट किया जाएगा। उन्हें अगले सात दिनों तक अपने स्वास्थ्य की सेल्फ मॉनिटरिंग करनी होगी।यदि यात्री कोविड पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उनके नमूने INSACOG प्रयोगशाला नेटवर्क पर जीनोमिक सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जाएंगे।कोविड पॉजिटिव पाए जाने वालों को अलग आइसोलेशन में भेजा जाएगा और मानक प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज किया जाएगा, जिसमें संपर्क ट्रेसिंग भी शामिल है।पॉजिटिव मामलों के संपर्कों को संस्थागत या होम क्वारंटीन के तहत रखा जाएगा और प्रोटोकॉल के अनुसार संबंधित राज्य सरकार द्वारा कड़ाई से निगरानी की जाएगी। 

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