राजधानी भोपाल में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को करीब 450 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। देश का पहला ऐसा स्टेशन है, जिसमें यहां से आने-जाने वाले यात्रियों को अलग-अलग रूट मिलेंगे। जबकि बाहर जाने वाले यात्री मेट्रो के जरिए रेलवे स्टेशन से बाहर निकलेंगे। देश में पहली बार 36 फीट चौड़ा फुटओवर ब्रिज बनाया गया है।

 

 

 

 

रानी कमलापति स्टेशन पर एयर कॉनकोर्स में 900 यात्री बैठ सकते हैं। वहीं 2000 हजार यात्री एक साथ एक प्लेटफॉर्म पर ट्रेनों का इंतजार कर सकते हैं। वहीं इसके अलावा दो सब-वे बनाए गए हैं। इस अंडरग्राउंड मेट्रो से एक साथ 1500 यात्री गुजर सकेंगे। इस स्टेशन पर एयरपोर्ट जैसी सभी लग्जरी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

 

 

 

 

 

आपको बता दें कि रानी कमलापति स्टेशन को पूरी तरह से नए सिरे से विकसित किया गया है। स्टेशन में एक एयर कॉन्कोर्स है जिसमें हवाई अड्डे की तरह दुकानें और एक कैफेटेरिया है। स्टेशन पर एयर कॉनकोर्स में 900 यात्री बैठ सकते हैं। इसके साथ ही 2000 हजार यात्री एक साथ एक प्लेटफॉर्म पर ट्रेनों का इंतजार कर सकते हैं।

 

 

 

 

 

 

वहीं यहां एयर कॉनकोर्स 84 मीटर लंबा और 36 मीटर चौड़ा है। जिसमें यात्री भीड़ से बचते हुए अंदर जा सकेंगे. रानी कमलापति स्टेशन के इस एयर कॉन्सर्स में 900 यात्री बैठ सकते हैं। इसके अलावा यात्री वेटिंग लाउंज में बैठकर मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों और मप्र के इतिहास के बारे में भी पढ़ सकेंगे।

 

 

 

 

 

 

आपको बता दें कि स्टेशन का सुधार जुलाई 2016 में शुरू किया गया था और 2017 में तीन साल की समय सीमा के साथ काम शुरू हुआ। आधुनिक स्टेशन में कई विशेषताएं हैं। जैसे आगमन और प्रस्थान के आधार पर यात्रियों का अलगाव। इससे एयरपोर्ट की झलक मिलती है खासकर वेटिंग एरिया जहां एक बार में हजारों लोग ठहर सकते हैं।

आकाश भगत

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