सरकारी कर्मचारियों के RSS से जुड़ने पर बैन: जानें किन राज्यों में अभी भी जारी है रोक?

0
सरकारी कर्मचारियों के RSS से जुड़ने पर बैन: जनता पार्टी ने हटाया, इंदिरा ने फिर लगाया, जानें किन राज्यों में अभी भी जारी है रोक?
  • जनता पार्टी ने हटाया,
  • इंदिरा ने फिर लगाया

जिस देश के आठ से दस केंद्रीय मंत्री खुद को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक कहते हैं। जिस देश का प्रधानमंत्री आरएसएस का स्वयंसेवक हो क्या उस देश में सरकारी नौकरी करने वालों के लिए इस बात की रोक हो कि आप कहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से तो नहीं जुड़े हैं।

 

 

 

 

ये वैसे तो वर्षों पुराना विवाद है और वक्त-वक्त पर कांग्रेस व जनता पार्टी की सरकारों ने इतिहास में अपने-अपने शासनकाल के दौरान इस आदेश को लगू व हटाने का काम किया। लेकिन हाल ही में हरियाणा सरकार के फैसले से इन दिनों ये मामला फिर से सुर्खियों में है। हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने आरएसएस को लेकर राज्य में 54 साल पहले लगे बैन को हटा दिया है।

 

 

 

 

 

  • क्या है हरियाणा सरकार का फैसला

खट्टर सरकार की तरफ से 1967 और 1980 में लगाए गए प्रतिबंध वाले अदेशों को वापस लिया गया है।  पहले इसके तहत हरियाणा राज्य के सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस की गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकते थे। लेकिन बैन हटाए जाने के बाद अब सरकारी कर्मचारी आरएसएस में शामिल हो सकेंगे। साथ ही इसकी गतिविधियों में भी वे शामिल हो सकेंगे। हालांकि राजनीति में कर्मचारियों के हिस्सा लेने, प्रचार करने व वोट मांगने पर अब भी रोक जारी रहेगी। 1967 और 1980 के दौराम आरएसएस को राजनीतिक संगठन मानते हुए सरकारी कर्मचारियों को इससे संबंध रखने पर मनाही थी। जबकि संघ द्वारा खुद को सांस्कृतिक संगठन माना जाता है।

 

 

 

  • क्या थी बैन की वजह

सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस से जुड़ने पर रोक का पहला आदेश 1966 में केंद्र सरकार की ओर से जारी हुआ था। जिसके पीछे तर्क दिया गया था कि ये राजनीतिक रूप से प्रभावित है। जिसकी वजह से कर्मचारियों की तटस्थता प्रभावित हो सकती है। इसे धर्मनिरपेक्ष समाज के लिए उचित नहीं माना गया। केंद्र सरकार ने आदेश में सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 का हवाला देते हुए बैन लगाया था।

 

 

 

 

  • जनता पार्टी ने फैसला पलटा

देश में जब जनता पार्टी की सरकार 1977 में बनी तो इस कानून को निरस्त कर दिया गया था। लेकिन जब 1980 में इंदिरा गांधी फिर से सत्ता में लौटीं तो इस कानून को दोबारा प्रभाव में ला दिया गया। तब से ये तमाम राज्यों में कर्मचारियों के सर्विस रूल पर प्रभावी है।

 

 

 

 

  • कई राज्यों ने बैन हटाया

बीजेपी की सत्ता जिन राज्यों में आई वहां पिछले कई वर्षों में आरएसएस में सरकारी कर्मचारियों के जुड़ने पर लगी रोक को निरस्त कर दिया गया। इन राज्यों में मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और गोवा जैसे राज्य शामिल हैं। लेकिन सबसे मजेदार बात ये है कि इन राज्यों ने कानून और सर्विस रूल में छेड़छाड़ की बजाए उन संगठनों की सूची से ही आरएसएस का नाम हटा दिया जिससे जुड़ने पर सरकारी कर्माचरियों को रोक है। मतलब कि आरएसएस के अलावा अन्य सूचीबद्ध संगठनों से सरकारी कर्माचरियों के जुड़ने पर पाबंदी अभी भी बरकरार है।

 

 

 

 

 

  • इन राज्यों में बैन अभी भी लागू

राजस्थान में कांग्रेस का शासन है। लेकिन 1981 के साल में ही वहां की सरकार की तरफ से सर्कुलर जारी कर संघ समेत 17 से ज्यादा संगठनों की सूची जारी की गई थी। जिससे सरकारी कर्मचारी किसी भी तरह का जुड़ाव नहीं रख सकते। अभी भी राजस्थान समेत 16 राज्यों में ये प्रतिबंध जारी हैं, जिनमें उत्तर पूर्व के अधिकतर राज्य शामिल हैं। जम्मू कश्मीर में अगर कोई सरकारी कर्मचारी ऐसे संगठनों से जुड़ा पाया जाता है तो उसे सेवा से मुक्त कर दिया जा सकता है। 2019 में गृह मंत्रालय के सर्कुलर के अनुसार जमात-ए-इस्लामी को 5 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।

New Project (4)
आकाश भगत

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *