मोहन भागवत ने कश्मीरी पंडितों की घर वापसी पर जताई चिंता और 370 का भी किया जिक्र, बोले- पहले भेदभाव होता था

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नागपुर। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर का जिक्र किया। संघ प्रमुख ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने से विकास का रास्ता सबके लिए खुल गया है। कश्मीर घाटी भी अब सीधा विकास का लाभ ले रही है। 

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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने से विकास का रास्ता सबके लिए खुल गया है। पहले 370 के आड़ में जम्मू और लद्दाख के साथ भेदभाव होता था, अब वो भेदभाव नहीं है। कश्मीर घाटी भी अब सीधा विकास का लाभ ले रही है। आतंकवादियों का डर भी समाप्त हो गया है।

उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी के लिए पहले जो किया जाता था उसका 80 फीसदी राजनीतिक दलों के जेब में जाता था, लोगों तक नहीं पहुंच पाता था लेकिन अब कश्मीर घाटी के लोगों को विकास और लाभ प्राप्त करने की सीधी पहुंच का अनुभव हो रहा है।

I visited J&K &saw the current situation. After the abrogation of Article 370, the path to development has opened for all. On the pretext of Article 370,Jammu & Ladakh were discriminated against earlier. That discrimination doesn’t exist anymore: RSS chief Mohan Bhagwat in Nagpur pic.twitter.com/qfX0Kw0f0g

— ANI (@ANI) October 16, 2021कश्मीरी हिन्दुओं की होनी चाहिए वापसी

उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में पहले जितने लोग थे उन्हें अब वहां पर होना चाहिए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कश्मीरी हिन्दुओं की वापसी होनी चाहिए। संघ प्रमुख ने कहा कि कश्मीर के वासिंदों को बाहर खदेड़ा गया। वहां पर वो अपनी सुरक्षा के प्रति आश्वस्त और समर्थ होकर अपनी पूजा सुख से कर सकें ऐसा वातावरण बनें और लोगों की वापसी हो। 

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उन्होंने कहा कि कई लोग विभाजन के समय वहां आ गए वो लोग भारत से जा रहे थे लेकिन उस वक्त शेख अब्दुल्ला मुख्यमंत्री थे और उन्होंने उन्हें रोक लिया और कहा था कि हम उन्हें बसाएंगे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। वो लोग वहां पर लटके रहे। लेकिन वो काम पूरा करना पड़ेगा।

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