अफगानिस्तान में मस्जिद में हुआ आत्मघाती हमला, 100 लोगों की मौत, IS ने हमले की जिम्मेदारी ली

काबुल। अफगानिस्तान के उत्तरपूर्वी शहर कुंदुज में शुक्रवार की नमाज के दौरान एक शिया मस्जिद के अंदर एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया, जिसमें कम से कम 100 नमाजियों की मौत हो गई और करीब 150 घायल हो गए। तालिबान के कड़वे प्रतिद्वंद्वियों, चरमपंथी समूह ने सुन्नी-बहुल अफगानिस्तान में सांप्रदायिक हिंसा को भड़काने के लिए बार-बार शियाओं को निशाना बनाया है। इस बीच, आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने मस्जिद में हुए बम धमाके की जिम्मेदारी ली और कहा कि उसके आत्मघाती हमलावर ने घटना अंजाम दिया।


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने कुंदुज में एक शिया मस्जिद पर हमले की कड़ी निंदा की है, जिसमें आतंकवाद के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता का आग्रह किया गया है। एक बयान जारी करते हुए, सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने हमले को ‘क्रूर और कायरतापूर्ण’ कहा है और इस बात की पुष्टि की है कि आतंकवाद अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है।

UNSC condemns terrorist attack on a Shia mosque in Kunduz, Afghanistan preceding recent attacks against religious institutions in the country. We underline the need to hold perpetrators, organizers, financiers and sponsors of terrorism accountable and bring them to justice pic.twitter.com/u6OlNjrs7o

— ANI (@ANI) October 8, 2021
आईएस से जुड़ी अमाक समाचार एजेंसी ने कुंदुज प्रांत में मजिस्द में दोपहर की नमाज के दौरान हुए विस्फोट की घटना के कुछ घंटे बाद इस दावे की जानकारी दी।
अपने दावे में आईएस ने आत्मघाती हमलावर की पहचान एक उइगर मुस्लिम के तौर पर की और कहा कि हमले में शियाओं और तालिबान दोनों को निशाना बनाया गया जोकि चीन से उइगरों की मांगों को पूरा करने में बाधा बन रहे हैं।

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तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि 46 नमाजियों की मौत हो गई जबकि 143 लोग घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच जारी है।
इस्लामिक स्टेट समूह के आतंकवादियों का अफगानिस्तान के शिया मुस्लिम अल्संख्यकों पर हमला करने का लंबा इतिहास रहा है। शुक्रवार को जिन लोगों को निशाना बनाया गया, वे हजारा समुदाय से हैं, जो सुन्नी बहुल देश में लंबे समय से भेदभाव का शिकार बनते रहे हैं। यह हमला अमेरिका और नाटो सैनिकों की अगस्त के अंत में अफगानिस्तान से वापसी और देश पर तालिबान के कब्जे के बाद एक भीषण हमला है।
गोजर ए सैयद अबाद मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के दौरान विस्फोट ऐसे समय में हुआ है, जब तालिबान सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिश कर रहा है और उसके लिए यह एक नयी सुरक्षा चुनौती है।

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इससे पहले, कुंदुज प्रांतीय अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा था कि हमले में कम से कम 25 लोग मारे गये, जबकि 51 अन्य घायल हो गये। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े शुरूआती हैं क्योंकि हताहतों को निजी अस्पतालों में भी भेजा गया है।
प्रत्यक्षदर्शी अली रेजा ने बताया कि वह विस्फोट के वक्त नमाज अदा कर रहे थे और उन्होंने कई हताहतों को देखा।
घटनास्थल की तस्वीरों और वीडियो में बचावकर्मी मस्जिद से कंबल में लिपटे शवों को एंबुलेंस में रखते दिखाई देते हैं।
स्थानीय निवासी हुसैनदाद रेजायी ने बताया कि विस्फोट होने के शीघ्र बाद वह मस्जिद की ओर दौड़े। उनहोंने कहा, ‘‘नमाज शुरू होने के साथ विस्फोट हुआ। मैं अपने रिश्तेदारों को तलाशने वहां पहुंचा। मस्जिद लोगों से भरी हुई थी। ’’

इस बीच, तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि तालिबान के विशेष बल मौके पर पहुंच गये हैं और घटना की जांच कर रहे हैं।
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने शुक्रवार के हमले की निंदा की और कहा कि यह धार्मिक स्थलों को निशाना बनाकर की जाने वाली हिंसा की पद्धति का हिस्सा है।
प्रमुख शिया धर्मगुरु सैयद हुसैन अलीमी बल्खी ने हमले की निंदा की और तालिबान से अफगानिस्तान में शियाओं के लिए सुरक्षा मुहैया कराने का आग्रह किया।

#Afganistan : ISIL affiliate, known as ISIS-K, claimed responsibility for a blast that killed dozens at a Shia mosque during Friday prayers in Afghanistan’s northeastern city of Kunduz. Reports @AJEnglish https://t.co/HQbxVBY4g9

— Syed Shahriyar (@shahriyarsyed1) October 8, 2021

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