दुर्गा पूजा त्यौहार के दौरान विधि व्यवस्था के संधारण हेतु सभी दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा निर्देश ज़ारी

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झारखण्ड/पाकुड़ : आज समाहरणालय सभागार कक्ष में उपायुक्त श्री वरुण रंजन की अध्यक्षता में दुर्गापूजा को लेकर वरीय पदाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई।

 

 

 

मौके पर उपायुक्त ने कहा कि दुर्गा पूजा के अवसर पर भव्य पंडाल बनाना प्रतिबंधित होगा, पूजा का प्रदर्शन छोटे पंडालों में करें। पूजा पंडाल निर्माण की स्वीकृति केवल कंटेनमेंट जोन के बाहर ही होगी। दुर्गा पूजा पंडाल को सभी तरफ से बैरेकेडिंग करना अनिवार्य होगा तथा भक्त पंडाल में प्रवेश के बिना बैरेकेडिंग के बाहर से दर्शन कर सकते हैं।

 

 

 

उपायुक्त ने कहा कि दुर्गा पूजा पंडाल का निर्माण किसी भी विषय या थीम पर आधारित नहीं होगा। पंडाल के आसपास साज सज्जा वर्जित होगी। साथ ही तोरण द्वार के निर्माण हेतु अनुमति नहीं दी गई है। उपायुक्त ने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि गाइडलाइन के अनुरूप मां दुर्गा की प्रतिमा/ मूर्ति 5 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए।

 

 

 

मंत्र, पाठ, आरती के सीधा प्रसारण के लिए सार्वजनिक संबोधन प्रणाली के उपयोग की अनुमति होगी परंतु टेप, आंडियो एवं डिजिटल रिकॉर्डिंग के प्रसारण की अनुमति नहीं होगी। पूजा समिति के सभी सदस्य, पुजारी, स्वयंसेवक जो पंडाल में उपस्थित हों उन्हें कोविड-19 का कम से कम एक टीका लगा होना आवश्यक होगा। पूजा आयोजन समिति/आयोजकों के द्वारा किसी प्रकार का आमंत्रण जारी नहीं किया जाएगा। पूजा पंडाल, मंडप के विमोचन हेतु जनसमारोह अथवा कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं होगी। पंडाल के निर्माण के लिए किसी भी सड़क को अवरुद्ध नहीं किया जाएगा। सार्वजनिक स्थलों पर गरबा/ डांडिया कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं होगी। रावण पुतला दहन कार्यक्रम सार्वजनिक स्थल पर करने की अनुमति नहीं होगी, क्योंकि इससे भारी भीड़ उमड़ती है। सार्वजनिक स्थलों पर चेहरे पर फेसकवर, मास्क पहनना अनिवार्य होगा। पंडाल में 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को अधिमानत: उपस्थित नहीं होना चाहिए।

 

 

 

सार्वजनिक स्थलों पर प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 2 गज या 6 फीट की दूरी बनाए रखना अनिवार्य होगा। पूजा पंडाल में उपस्थित होने वाले/रहने वाले लोगों को कोविड-19 के प्रोटोकॉल यथा सामाजिक दूरी, मास्क का उपयोग, स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन के संबंध में केंद्र और राज्य सरकार एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्गत निर्देशों का अनुपालन करना अनिवार्य होगा। पूजा पंडाल के आयोजक को जिला प्रशासन द्वारा लागू किए जाने वाले सभी निर्देशों का पालन करने की बाध्यता होगी। उपायुक्त ने कहा कि इन निर्देशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति/प्रतिष्ठान आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 तक तथा भारतीय दंड संहिता 1860 के सेक्शन 188 के तहत दंडनीय होंगे।

 

 

 

 

दुर्गा पूजा के अवसर पर किसी भी तरह के मेले का आयोजन प्रतिबंधित होगा। साथ ही मूर्ति विसर्जन के जुलूस की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन हेतु जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थल पर ही मूर्ति के विसर्जन की अनुमति होगी। पंडाल के पूरे क्षेत्र में खाने-पीने के सामान का स्टॉल, खोमचा, ठेला लगाना प्रतिबंधित होगा। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा पंडाल में आयोजकों, पुजारियों एवं पंडाल के सदस्य, कर्मचारियों की एक समय में 25 से अधिक की संख्या की अनुमति नहीं होगी। पूजा पंडाल के पूरे क्षेत्र में संगीत का कोई मनोरंजक, सांस्कृतिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं होगी। सामुदायिक भोज, प्रसाद, भोग आदि के आयोजन की अनुमति नहीं होगी परंतु प्रसाद की होम डिलीवरी पर रोक नहीं होगी।

 

 

 

बैठक में उपरोक्त के अलावा उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, मुख्यालय डीएसपी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी थाना प्रभारी व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

आकाश भगत

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