आयकर विभाग के अधिकारियों ने प्रसिद्ध दवा समूह हेटरो के कार्यालयों और अन्य सुविधाओं पर बुधवार को एक साथ छापे मारे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

 

 

 

उन्होंने बताया कि कंपनी के मुख्यालय, यहां कुछ उत्पादन केंद्रों और कार्यालयों तथा आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में छापे मारे जा रहे हैं।

 

 

सूत्रों ने बताया, “विभाग ने कुछ दस्तावेज बरामद किए हैं और कुछ कंप्यूटर हार्ड डिस्क जब्त किए हैं जिनका विश्लेषण किया जाएगा कि क्या किसी तरह की कर चोरी की गई है।” कंपनी की अधिकारियों से टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो सका है।

 

 

 

समूह द्वारा कई समझौतों पर हस्ताक्षर करने और कोविड-19 के इलाज के लिए रेमेडिसविर और फेविपिरवीर जैसी विभिन्न दवाएं विकसित करने के कामों में संलग्न होने के कारण हेटरो सुर्खियों में आया था।

 

 

 

हेटेरो भारत और विदेशों में दवा का फॉर्मूला तैयार करने और नई पीढ़ी के उत्पादों का निर्माण करने वाली फार्मास्युटिकल कंपनियों को एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट -एपीआई (साइटोटॉक्सिक्स सहित) उपलब्ध कराने वाले प्रमुख वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं में से एक है।

 

 

 

शहर स्थित हेटरो की भारत, चीन, रूस, मिस्र, मैक्सिको और ईरान में 25 में अधिक उत्पादन केंद्र हैं। हेटरो ने पिछले महीने कहा था कि उसे अस्पताल में भर्ती वयस्कों में कोविड ​​-19 के इलाज के लिए टोसीलिज़ुमैब के बायोसिमिलर (पारंपरिक दवा से मिलता-जुलता) संस्करण के लिए भारत के औषधि माहनियंत्रक (डीसीजीआई) से आपातकालीन उपयोग की अनुमति मिली है।
7,500 करोड़ रुपये की फार्मा कंपनी उन कंपनियों में से एक है, जिसने भारत में कोविड-19 टीकेस्पुतनिक वी के निर्माण के लिए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष के साथ करार किया है।

आकाश भगत

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