बाजार में दिखेगी त्यौहार की रौनक, कोयला कर्मियों को मिलेगा ₹72500 बोनस

झारखण्ड/धनबाद (ब्यूरो, राजेन्द्र वर्मा) : कोयलाकर्मियों को इस साल करीब ₹ 72 हजार 500 बोनस मिलेगा। सोमवार को कोल इंडिया मुख्यालय में हुई बैठक में इस बात पर मुहर लगी।
जानकर बताते हैं कि कोलइंडिया के इतिहास में यह पहला मौका है जब महालया के पहले बोनस की राशि तय हुई है। जेबीसीसीआई में शामिल चारों यूनियन के नेता आपस में बैठकर पहले डिमांड की राशि तय की और वही प्रबंधन के सामने मांग को रखा। राशि को लेकर बहुत देर तक खींचतान चलती रही। यूनियन अपनी मांगो पर अड़ा रहा जबकि प्रबंधन आर्थिक हालातों की दुहाई देता रहा। अंत में तय हुआ प्रत्येक कोयलाकर्मी को ₹ 72500 बोनस दिया जाएगा।
यहां बता दें कि साल 2018 में ₹60,500 बोनस मिला था। 2019 में ₹64,700 और 2020 में ₹68,500 बोनस के राशि तय हुई थी। हालांकि मजदूर संघों की कामगारों पर कमजोर पड़ती पकड़ को देखते हुए मजदूर संगठनों ने इस बार कोशिश की कि ज्यादा से ज्यादा बोनस दिलाया जाए। इसके लिए नेताओं की कई बैठके भी हुईंं। वर्ष 2019 -20 में कोल इंडिया को ₹16700 करोड़ का मुनाफा हुआ था, जो इस वर्ष घट कर ₹12702 करोड़ रह गया है। इसी तर्क पर नेताओ की 01 लाख रुपया बोनस की मांग पर फैसला नही हुआ। जबकि नेताओं का तर्क है कि 12565 कर्मियों की संख्या भी घटी है। गत वर्ष कंपनी में बोनस के मद में ₹1721 करोड़ का भुगतान किया गया था।
कोरोना महामारी में भी कोयलाकर्मी देश के लिए जान की परवाह किये बिना कोल उत्पादन करते रहे। करीब 8 घंटे की मैराथन बैठक के बाद इस बार कम से कम उसमें ₹4000 की बढ़ोतरी हुई है। कोलइंडिया के 2.8 लाख कर्मियों को ₹1818 करोड़ का भुगतान होगा। बोनस का भुगतान 11 अक्टूबर तक कर्मियों के खाते में होगा। ठेका मजदूरों को भी 8.33% की दर से बोनस दिए जाने पर सहमति बनी है।
वैसे कोयलांचल में बीसीसीएल, ईसीएल के बोनस का केवल कर्मी और उनके परिजनों को ही इंतजार नहीं रहता बल्कि कोयलांचल के बाजार को भी बोनस का इंतजार रहता है। इस बार ससमय बोनस मिलने से बाज़ार में भी रौनक रहने की उम्मीद है।