झारखंड: दुष्कर्म के आरोपी भाजपा नेता सुनील तिवारी ने जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के करीबी सहयोगी सुनील तिवारी ने यौन शोषण के एक मामले में नियमित जमानत के लिए झारखंड उच्च न्यायालय का रुख किया है।

अनुसूचित जनजाति की एक पीड़िता ने 16 अगस्त को अरगोड़ा थाने में एक मामला दर्ज कराया था।
नाबालिग लड़की ने प्राथमिकी में तिवारी पर यौन शोषण का आरोप लगाया, जिसके बाद उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।

 

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तिवारी ने इससे पहले रांची जिला अदालत में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया गया था।
उन्होंने इसके बाद झारखंड उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी थी, लेकिन बाद में उन्हें 12 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया गया था।

तिवारी की पत्नी ललिता तिवारी ने मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में एक आपराधिक रिट याचिका दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक प्रतिशोध के कारण उनके पति को फंसाया गया है।

उच्च न्यायालय ने तिवारी की पत्नी द्वारा मामले की सीबीआई जांच की मांग किये जाने पर बृहस्पतिवार को राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया।
भाजपा विधायक दल के नेता मरांडी के करीबी सहयोगी तिवारी पर पिछले साल अपनी घरेलू सहायिका से दुष्कर्म करने का आरोप है।

 

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