अपहरण के 32 साल पुराने मामले में पांच महीने से जेल में बंद पप्पू यादव रिहा
मधेपुरा (बिहार)। मधेपुरा जिले की एक अदालत ने 32 साल पुराने अपहरण के एक मामले में पिछले पांच महीने से जेल में बंद पूर्व स्थानीय सांसद और जनअधिकार पार्टी प्रमुख राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को सोमवार को जमानत दे दी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश (तृतीय) निशिकांत ठाकुर ने मधेपुरा जिले के कुमारखंड थाने में 1989 में दर्ज कांड संख्या 09 में पप्पू यादव को सोमवार को जमानत दे दी। गौरतलब है कि बिहार में भाजपा सांसद की निधि से खरीदे गए दर्जनों एम्बुलेंस का उपयोग कोरोना काल में जरुरत के बावजूद नहीं किए जाने के मामले का खुलासा करने वाले पप्पू यादव को पटना पुलिस ने 11 मई को उनके आवास से लॉकडाउन नियमों के उल्लघंन के आरोप में हिरासत में लिया था।
इंसाफ हुआ, षड्यंत्र बेनकाब हुआ। जनता के आशीर्वाद से आज बाइज्जत बरी हो गया। साबित हो गया फर्जी मुकदमा में मुझे कैद किया गया था। न्यायालय के प्रति आभार!
मैं रुकूंगा नहीं, झुकूंगा नहीं, थकूंगा नहीं, लड़ता रहूंगा! आज से फिर संघर्ष पथ पर आगे बढूंगा।
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) October 4, 2021 बाद में पप्पू को मधेपुरा जिले के कुमारखंड थाने में 1989 में दर्ज कांड संख्या 09 में फरार रहने के आरोप में गिरफ्तार कर मधेपुरा पुलिस को सौंप दिया गया था। मधेपुरा की अदालत द्वारा अपहरण के उक्त 32 साल पुराने मामले में पप्पू को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था जिसके बाद से वह सुपौल के वीरपुर स्थित कोविड स्पेशल जेल में बंद थे। पप्पू पर अपने चार साथियों के साथ मिलकर मुरलीगंज बाजार के पास से दो युवकों रामकुमार यादव और उमा यादव का अपहरण करने का आरोप है।