Lakhimpur Kheri Violence Updates: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में राजनीति तेज, विपक्ष ने सरकार से माँगा जवाब, सरकार और किसानों के बीच हुआ समझौता
प्रभासाक्षी की खास खबरों में जानिए दिनभर की उन घटनाओं के बारे में जिनका सरोकार सीधे जनता से है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को भड़की हिंसा मामले ने बड़ा राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। वहीं दूसरी तरफ हिंसा में 8 लोगों की मौत की खबर है इनमें 4 किसान भी हैं। इन सबके पर उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। पढ़िए विस्तार से सभी खबरों को…
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को भड़की हिंसा मामले ने बड़ा राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। सवाल उठता है कि क्या केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे लोगों ने अब हंगामे का रास्ता अख्तियार कर लिया है? जिस तरह हरियाणा में जगह-जगह भाजपा के कार्यक्रमों में विघ्न डाला जाता है क्या अब उसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश में बवाल मचाने की योजना बनाई गयी है? आखिर क्यों किसानों के नाम पर आंदोलन कर रहे लोग कथित रूप से भिंडरावाले की तस्वीर वाली टीशर्ट पहने हुए थे?
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर मध्य प्रदेश के किसान संगठनों ने प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है। किसान नेता शिवकुमार शर्मा का ने कहा कि प्रदेश के गांव-गांव, शहर-शहर में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पुतला दहन होगा। 5 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक पुतला दहन के माध्यम से हम लोग विरोध करेंगे।
लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत की खबर है इनमें 4 किसान भी हैं। इन सबके पर उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि सरकार जिन 4 किसानों की हिंसा में मौत हुई है उनके परिवार को 45 लाख देगी। साथ ही साथ एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी। घायलों को 10 लाख दिए जाएंगे।
लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद से ही इलाके में धारा 144 लागू कर दी गयी है। हालात की गंभीरता को देखते हुए घटना स्थल पर जाने की किसी को इजाजत नहीं मिली है। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार पर घटना का दवाब और सियासी फायदे के लिए विपक्षी दल घटना स्थल लखीमपुर खीरी का दौरा करना चाहते हैं लेकिन प्रशासन से इसकी इजाजत नहीं दी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी घटना के कुछ देर बाद लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हुई लेकिन रास्ते में ही पुलिस ने उन्हें रोक लिया।
लखीमपुरी हिंसा मामले में किसानों और प्रशासन के बीच समझौता हो गया। मृतक किसान के परिवार को 45 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही घटना की न्यायिक जांच होगी और हाइकोर्ट के रिटायर्ड जज घटना की जांच करेंगे। पीड़ित परिवार और प्रशासन की बातचीत के बाद पूरे मामले का हल निकला। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और एडीजी प्रशांत कुमार ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इससे संबंधित जानकारी साझा की।
लखीमपुर हिंसा को लेकर देश में लगातार राजनीति हो रही है। लखीमपुर हिंसा में कुल 8 लोगों के मृत्यु की खबर है। इन सबके बीच आरएसएस ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि इस तरह की घटना होनी नहीं चाहिए और जो भी कसूरवार हैं उसकी जांच कर उन्हें सजा दी जानी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील किया कि कोई भी आंदोलन हिंसा की ओर ना जाएं बल्कि संवाद से समाधान की ओर जाए ताकि देश तेज गति से विकास कर सके।
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को लेकर अब जबरदस्त तरीके से राजनीति हो रही है। कांग्रेस पूरी तरीके से भाजपा सरकार पर हमलावर है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने इसी मामले को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की। साथ ही साथ कहा कि प्रधानमंत्री ने इतने बड़े मसले पर अब तक कोई ट्वीट नहीं किया।
रविवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में किसान प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद से लगातार यह मामला चर्चा में है। इसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। इन सब के बीच इस मामले पर भारतीय किसान संघ ने अपना बयान दिया है। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भारतीय किसान संघ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में जो घटना घटी, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। घटना में लिप्त लोग किसान नही थे, विविध राजनैतिक दलों के थे, वामपंथी तरीकों से घटना को अंजाम दिया गया।
लखीमपुर में किसान प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई। जिसके बाद से लगातार विपक्षी नेता वहां का दौरा करने की बात कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी लखीमपुर जाने की बात कही है। हैदराबाद से लखनऊ निकलने से पहले ओवैसी ने कहा कि मैं उन लोगों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए यूपी के लखीमपुर खीरी जाऊंगा, जिनकी केंद्रीय मंत्री के बेटे ने हत्या की है. यह एक जघन्य अपराध है।
मेरठ, लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में कमिस्शनरी के बाहर व कलेक्ट्रेट में सुबह से ही विभिन्न राजनीतिक दलों और किसानों का धरना प्रदर्शन होता रहा। दोपहर बाद तक तक कलेक्ट्रेट प्रदर्शनकारियों से खचाखच भरा रहा। मेरठ में कमिश्नरी के बाहर व कलेक्टेट में सपा के साथ साथ कांग्रेस ,आप ,रालोद के साथ भाकियू कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए। सपा द्वारा अलग अलग गुटों में बटकर अपना विरोध प्रदर्शन किया ,युवजन सभा ने कमिस्शनरी के बाहर योगी सरकार का पुतला भी दहन किया और धरना प्रदर्शन के बाद गिरफ्तारियां भी दी।