76 वर्ष के हो गए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, जानें संघर्षों और कठिनाईयों में कैसे बीता बचपन

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नयी दिल्ली। भारत के सबसे ऊंचे पद पर बैठे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) आज 76 वर्ष के हो चुके हैं। आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देश के सबसे ऊंचे पद पर अपनी सेवा दे रहे हैं हालांकि हमेशा उनका जीवन इतना सुविधाजनक नहीं रहा था। क्योंकि उनका जीवन काफी संघर्षों से भरा रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी उनका बचपन गरीबी में ही गुजरा। भारत के 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बाद 14वें राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविंद ने देश के राष्ट्रपति की शपथ ग्रहण की। जिसके बाद उनकी जिंदगी ने उनको आज एक भरत के गरिमापूर्ण पद पर विराजमान किया है। आज हम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के जीवन को थोड़ा करीब से जानने वाले हैं।
शुरुआती जीवन और कैरियर में उतार-चढ़ाव
 
रामनाथ कोविंद का जन्म एक बेहद साधारण परिवार में 1 अक्टूबर 1945 को हुआ था। रामनाथ कोविंद का जन्म उस गुलाम भारत में हुआ जो अंग्रेजों के अधीन हुआ करता था। एक दलित परिवार में जन्में रामनाथ कोविंद का जीवन व उनका सफर भी मुश्किलों और संघर्षों से भरा पड़ा था। परेशानियों और चुनौतियों के होने के बावजूद उनके परिवार ने रामनाथ कोविंद को शिक्षा दी। इस शिक्षा का परिणाम यह हुआ कि सारी तकलीफों और कठिनाईयों को पार करते हुए को रामनाथ कोविंद ने सर्वोच्च न्यायालय में अपनी वकालत शुरू की और जीवन के सफर में शिक्षा को हथियार बनाकर आगे बढ़े।
 
सरल स्वभाव और साधारण जीवन है पसंद
 
बचपन में रामनाथ कोविंद गरीबी के कारण पढ़ाई करने के लिए 6 किमी तक पैदल चलकर जाते और 6 किमी वापस पैदल चलकर आते थे। रामनाथ कोविंद के गांव वाले उनके दयालू और दरियादिली के कायल हैं और उनकी काबिलियित पर भी उन्हें गर्व है। जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय में वकालत के बाद रामनाथ कोविंद के बड़े व नामी वकील हुए। इसके बाद इन्हें बिहार का राज्यपाल बना दिया गया। आपको बता दें कि रामनाथ कोविंद के पास आज भी संपत्ति के नाम पर कुछ नहीं है। आपको जानकर आशचर्य होगा की अपनी गांव में मौजूद जायदाद को भी उन्होंने दान कर दिया है। उनके पास संपत्ति कहकर कुछ नहीं है। 
राजनीति में दिलचस्पी के बाद एंट्री
 
पॉलिटिक्स में रामनाथ कोविंद की एंट्री साल 1994 में हुई। इस दौरान वे उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए थे। इसके साथ वह साल 2006 से दो बार राज्यसभा के सांसद भी रह चुके हैं। पेश से वकील रामनाथ कोविंद ने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस भी की है।
 
 मालूम हो कि राष्ट्रपति कोविंद पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव भी रह चुके हैं। वहीं वे भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुके हैं। रामनाथ कोविंद भाजपा दलित मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

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