सोनिया गांधी के करीबी के घर हुई ED की छापेमारी, चिल्ड्रन होम में पैसों की गड़बड़ी का है मामला
पूर्व आईएएस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर के घर प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की है। 16 सिंतबर यानी गुरुवार के दिन ही हर्ष मंदर के नई दिल्ली स्थित घर और दफ्तर पर छापेमारी की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईडी ने ये छापेमारी ऐसे समय में की है जब हर्ष मंदर अपनी पत्नी के साथ जर्मनी गए हुए हैं। ये कार्रवाई चिल्ड्रन होम्स में पैसों की गड़बड़ी के मामले में की गई है। हर्ष मंदर आज ही सुबह 3 बजे बर्लिन के लिए रवाना हो गए थे। वे बर्लिन की रॉर्बट बोश्च एकेडमी में 6 महीने की फेलोशिप के लिए गए हैं। इसके करीब 3 घंटे बाद ED ने उनके वसंत कुंज स्थित घर और सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज में उनके ऑफिस में एक साथ छापे मारे। वहीं उनके एनजीओ की तरफ से चलाए जा रहे दो बालगृहों पर भी रेड की गई।
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क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि हर्ष मंदर से जुड़ी दो एनजीओ के खिलाफ किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस के मुताबिक, राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग (एनसीपीसीआर) की शिकायत पर ‘‘उम्मीद अमन घर’’ और ‘‘खुशी रेनबॉ होम’’ के खिलाफ महरौली थाने में मामला दर्ज किया गया था। ये दक्षिण दिल्ली में हैं और इनकी स्थापना सेंटर फॉर इक्यूटी स्टडिज़ (सीएसई) ने की है। सीएसई का संचालन न्यास सदस्य सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हर्ष मंदर द्वारा किया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक, इन इकाइयों का अक्टूबर 2020 को एनसीपीसीआर टीमों ने निरीक्षण किया था जिसके बाद मामला दर्ज किया गया।
सोनिया के करीबी हैं
हर्ष मंदर पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान वे राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य रह चुके हैं। बता दें कि इसकी अध्यक्षा सोनिया गांधी थीं। मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान इसे सुपर कैबिनेट कहा जाता है। इन्हें यूपीए के समय लाए गए विवादास्पद कम्युनल वायलेंस बिल का मुख्य आर्किटेक्ट कहा जाता है।
पीएम मोदी का आलोचक माना जाता है
हर्ष मंदर मौजूदा सरकार के कड़े आलोचक रहे हैं। उन्होंने दिल्ली दंगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केस दाखिल किया था। उन्होंने दंगों की जांच के लिए SIT गठित कराने की मांग की थी। वह यह भी कह चुके हैं कि अगर सिटिजन अमेंडमेंट बिल पास हुआ तो वे खुद को मुस्लिम के तौर पर रजिस्टर करा लेंगे।