कोझीकोड विमान दुर्घटना मामले में एएआईबी ने सुरक्षा संबंधी 43 सिफारिशें की

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कोझीकोड हवाई अड्डे पर पिछले साल अगस्त में हुई घातक विमान दुर्घटना मामले में एएआईबी ने 43 सुरक्षा सिफारिश की हैं।
इन सिफारिशों में हवाई अड्डे पर एक एप्रोच रडार की स्थापना तथा विमान चालक दल के सदस्यों के लिए बिना नुस्खे वाली दवाओं विशेषकर मधुमेह के रोगियों में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के प्रयोग के बारे में एक डीजीसीए अध्ययन करवाना शामिल है।

विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने शनिवार को जारी अपनी रिपोर्ट में बोइंग विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बारे में 57 निष्कर्ष निकाले हैं।
इस दुर्घटना में दो पायलट समेत 21 लोगों की मौत हो गई थी तथा अन्य कई घायल हो गए थे।

दुबई से आ रही इस उड़ान में कुल 190 लोग सवार थे।
इस विमान हादसे में एएआईबी ने प्रणाली विफलताओं से लेकर चालक दल के सदस्यों के लिए एयर इंडिया एक्सप्रेस के ख़राब संसाधन प्रबंधन, कम दृश्यता के कारण दृश्य भ्रम की संभावना तथा पीआईसी (पायलट इन कमांड) विंडशील्ड वाइपर के उप इष्टतम प्रदर्शन को दुर्घटना के लिए संभावित कारणों में से बताया है।

इस रिपोर्ट में एयर इंडिया एक्सप्रेस, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए), एएआईबी समेत भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) को व्यापक सुरक्षा के लिए सिफारिशें की गई हैं।

रिपोर्ट में कहा गया, जांच दल की राय है कि इस दुर्घटना में एक सहायक कारक के रूप में प्रणालीगत विफलताओं की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि इसी तरह की वजहों से ऐसी कई दुर्घटनाएं होने की आशंका है, विशेष कर एयर इण्डिया एक्सपर्स लि. के साथ।
रिपोर्ट में बताया कि कोझीकोड में तैनात 26 फर्स्ट आफिसर्स की तुलना केवल एक ही पायलट था।

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