मेरठ : सरकार की सोलर रूफटॉप योजना अब किसानों को भी करेगी मालामाल

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मेरठ, परंपरागत ऊर्जा स्रोत को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की सोलर रूफटॉप योजना अब किसानों को भी मालामाल करेगी। इसके लिए किसानों को भारी अनुदान पर सोलर रूफटॉप योजना का लाभ दिया जाएगा। यह जानकारी पीवीवीएनएल के प्रबंध निदेशक अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने दी।
बता दें कि सरकार की नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय द्वारा सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने हेतु कई योजनाएं चलायी जा रही हैं। पीवीवीएनएल के प्रबंध निदेशक अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि पर्यावरण को बनाये रखने हेतु गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत का अधिक से अधिक उपयोग करने हेतु केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा भारी अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने अधिक से अधिक उपभोक्ताओं से सोलर रूफटॉप योजना का लाभ उठाने की अपील की है। उन्होंने बताया कि निम्न योजनाओं का लाभ लेकर सोलर प्लांट लगाए जा सकते हैं।
दूसरे फेज की इस योजना के अंतर्गत स्वीकृत विद्युत भार के अनुरूप कोई भी उपभोक्ता 10 किलोवाट तक का ग्रिड कनेक्टेड सोलर प्लान्ट लगा सकता है। आवेदन यूपीनेडा के पोर्टल Http://Upnedasolarrooftoppurtal.Com/Apply Online पर ऑनलाइन किया जा सकता है, स्वयं के इस्तेमाल के पश्चात् अतिरिक्त ऊर्जा ग्रिड को दी जा सकेगी जिसका समायोजन बिजली के बिल में किया जायेगा।
इस योजना में 03 किलोवाट तक 40 प्रतिशत एवं 03 से 10 किलोवाट तक 20 प्रतिशत का केन्द्रीय अनुदान मान्य है। राज्य अनुदान 01 किलोवाट तक के लिये 15 हजार रूपए एवं 02 से 10 किलोवाट तक 30 हजार रूपए है। इस कार्य हेतु यूपीनेडा द्वारा वेंडर नामित किये गये है जिसके द्वारा सोलर प्लान्ट लगाने का कार्य किया जा रहा है।
सोलर रूफटॉप योजना से बिजली के बिल में कमी के अलावा एक बार का निवेश का लाभ तो मिलता ही है साथ ही इसमें कम रख-रखाव आता है। स्वच्छ ऊर्जा पैदा होती है। 5 वर्षों तक निःशुल्क रख-रखाव होता है।
इस योजना के लिए जिन दस्तावेजों की जरूरत होती है उनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, केन्सिल चेक, ई-मेल आईडी, मोबाईल नंबर, पासपोर्ट साईज फोटो इत्यादि की जरूरत है।
इस योजना के तीन अंग है। पहला कोई किसान या किसान समूह गैर उपजाऊ जमीन पर 2 मेगावाट तक का सोलर प्लान्ट लगा सकता है। जमीन 33/11 केवी उपकेंद्र के आस-पास 5 किमी की सीमा हो। उत्पादित ऊर्जा को ग्रिड में देकर लाभ कमा सकता है। दूसरा कोई भी किसान अपने डीजल चलित पम्प को (जो डार्क जोन में न हो) पूर्णतयाः सोलर चलित पम्प में बदल सकता है। 7.5 हार्स पावर तक के लिए 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जायेगी। तीसरा कोई भी किसान अपने विद्युत चलित पम्प पर सोलर ऊर्जा सिस्टम लगा सकता है। 7.5 हार्स पावर तक के लिए 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जायेगी। साथ ही विद्यमान पृथक कृषि पोषक को ही सोलर ऊर्जा से ऊर्जीकृत किया जा सकता है।

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