कांग्रेस तथा आप ने अपने-अपने सभी विधायकों को सदन की कार्यवाही की समाप्ति तक विधानसभा में उपस्थित रहने संबंधी व्हीप जारी किए
चंडीगढ । पंजाब कांग्रेस की राजनिति में चल रही उठापटक के बीच आज पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र का विशेष सत्र बुलाया गया है। जिसके लिये चंडीगढ में सुरक्षा को चाक चौबंद किया गया है। सत्र श्री गुरु तेग बहादुर जी के ऐतिहासिक 400वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में बुलाया गया है।
पंजाब मंत्रिमंडल ने गत 26 अगस्त की अपनी बैठक में 15वीं पंजाब विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया था। सत्र के संबंध में जारी कार्यक्रम के अनुसार यह सुबह 10 बजे शुरू होगा और 11 बजे से श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में आयोजन होगा।
इस दौरान सरकार और विपक्ष दोनों ही ओर से गुरू जी के जीवन के संबंध में अपने-अपने विचार पेश किए जाएंगे। इस सत्र में शामिल होने के लिए पंजाब सरकार की ओर से देश के उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को भी न्यौता पत्र भेजे गए हैं ।
हालांकि, यह सत्र श्री गुरु तेग बहादुर जी के ऐतिहासिक 400वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित हो रहा है और इस दौरान कोई अन्य कामकाज होने की संभावना नहीं है लेकिन फिर भी कांग्रेस तथा आप ने अपने-अपने सभी विधायकों को सदन की कार्यवाही की समाप्ति तक विधानसभा में उपस्थित रहने संबंधी व्हीप जारी किए हैं। यह व्हीप एहतियातन जारी किए गए हैं कि यदि जरूरत पड़े तो उनके पक्ष की सदन में पूरी उपस्थिति हो।
गौरतलब है कि विपक्षी दल आप और शिअद मांग कर चुके हैं कि सरकार को लंबी अवधि का सत्र बुलाना चाहिए, ताकि लोगों के मसलों पर चर्चा हो सके। विपक्षी की ओर से यहां तक भी कहा जा चुका है कि चार मंत्रियों और कई कांग्रेसी विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह में अविश्वास व्यक्त किए जाने के चलते उन्हें सदन में विश्वास मत हासिल करना चाहिए।
पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान के बीच मसला हल करने की कोशिश में चंडीगढ़ पहुंचे प्रदेश प्रभारी हरीश रावत के साथ मंत्रियों, विधायकों के मिलने का सिलसिला जारी रहा। रावत ने इससे पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पीपीसीसी अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ भी मुलाकात की थी। उनका दावा है कि मतभेदों को काफी हद तक सुलझा लिया गया है।