राजौरी में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुआ मेरठ का सपूत
मेरठ,जम्मू कश्मीर के राजौरी में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में मेरठ के सूबेदार राम सिंह गुरुवार सुबह बर्स्ट लगने से शहीद हो गए। वह 48 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे और उसी क्षेत्र में बुधवार देर रात से आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चल रहा था। सुबह तक चले ऑपरेशन में दो आतंकियों को मार गिराया गया था। एक तीसरे आतंकी के संदेह में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था। उसी दौरान घात लगाकर आतंकी ने बर्स्ट मार दिया जिसकी चपेट में सूबेदार राम सिंह आ गए और बुरी तरह जख्मी हो गए।चिकित्सकों की टीम ने उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन अत्यधिक खून बह जाने के कारण नहीं बचा सके।
शहीद सूबेदार राम सिंह का पार्थिव शरीर अभी उधमपुर में रखा गया है। शुक्रवार सुबह पार्थिव शरीर के मेरठ लाये जाने की जानकारी दी गई है। सेना के 16 गढ़वाल में शामिल हुए सूबेदार राम सिंह मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले थे। लंबे समय से मेरठ में परिवार के साथ रह रहे थे। पौने 2 साल से वह राष्ट्रीय राइफल के साथ कार्यरत थे और फरवरी 2022 में वह 30 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त होने वाले थे।
16 गढ़वाल में उनके वरिष्ठ साथी रहे सेवानिवृत्त कैप्टन वीर सिंह रावत ने बताया कि शहीद सूबेदार राम सिंह के आतंकी मुठभेड़ में शहीद होने की जानकारी उन्हें बटालियन की ओर से दोपहर करीब 1:00 बजे मिली थी। इसके बाद उन्होंने परिवार को भी इसकी जानकारी दी व अन्य मदद के लिए साथियों संग घर पहुंचे। मेरठ में सूबेदार राम सिंह गंगानगर के इशापुरम में रह रहे थे। कसेरूखेड़ा सैनिक कॉलोनी के रहने वाले कैप्टन वीर सिंह रावत ने बताया कि सूबेदार राम सिंह की 4 बेटियां व एक बेटा है।
इनमें से दो बेटियों की शादी हो चुकी है जबकि दो बेटियां की शादी अभी नहीं हुई है। पति के शहीद होने की सूचना मिलने के बाद से ही पत्नी अनिता भंडारी का रो रो कर बुरा हाल है। सबसे बड़ी बेटियां प्रियंका सिंह और करिश्मा नेगी परिवार को संभालने की कोशिश कर रही हैं। वही छोटी बेटियां मीनाक्षी भंडारी व मनीषा भंडारी के साथ बेटे सोलन भंडारी मां को संभालने के साथ एक दूसरे को संभालने में जुटे हैं। पूरे परिवार और क्षेत्र में मातम छाया हुआ है। मौके पर पुलिस भी परिवार का हाल जानने व अन्य व्यवस्था के लिए पहुंची है।