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  • अरुणाचल के युवाओं को सेना में भर्ती कराने की कर रहा कोशिश

पिछले कुछ सालों से भारत और चीन के रिश्ते तल्ख हुए है। पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर भी दोनों देशों के बीच में तनाव का माहौल है। हालांकि बातचीत के जरिए तनाव को कम करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है। चीन ने भारत को घेरने के लिए अरुणाचल प्रदेश के लोगों को पीएलए में शामिल करने की योजना तैयार की है।

 

 

प्राप्त जानकारी के मुताबिक ड्रैगन ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटे इलाकों में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। चीन लगातार भारत में घुसपैठ की कोशिशें करता रहा है। इसी बीच चीन अरुणाचल प्रदेश के युवाओं को पीएलए में शामिल करने की फिराक में जुटा हुआ है।

 

 

 

दरअसल, चीन तिब्बत को खुद का हिस्सा मानता है और तिब्बत की सीमा अरुणाचल प्रदेश से सटी हुई है। चीन भारत के अभिन्न अंग अरुणाचल प्रदेश को भी अपना मानता है। जिसे भारत सिरे से खारिज करता आया है। भारत का साफ शब्दों में कहना है कि अरूणाचल प्रदेश इसका अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। हाल ही में चीन ने अरूणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा दिखाने वाली विश्व नक्शे की एक बड़ी खेप को जब्त कर लिया था।

 

 

पिछले साल गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद चीन ने अरुणाचल प्रदेश से सटी सीमाओं पर अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी पास के ही इलाके का दौरा किया था।

 

 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिर पासीघाट से विधायक निनोंग ईरिंग का दावा है कि चीन अरुणाचल के सीमावर्ती इलाकों के युवकों को सेना में भर्ती करने का प्रयास कर रहा है। इतना ही नहीं तिब्बत से भी भर्तियां हो रही हैं। इस मामले को लेकर विधायक ईरिंग ने गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय से जरूरी कदम उठाने की अपील की है।

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आकाश भगत

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