प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस (09 अगस्त) पर विशेष
- मौके पर मिलेगा आरसीएच नंबर, खोले जाएंगे बैंक खाते
- मिशन निदेशक ने दिए वृहद आयोजन के दिशा निर्देश
- आरसीएच नंबर होने से प्रसव के 48 घंटे के भीतर हो पाएगा भुगतान
उत्तरप्रदेश/गोरखपुर, 09 अगस्त 2021 : जनपद समेत पूरे प्रदेश में हर माह की नौ तारीख को मनाया जाने वाला प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस इस बार खास होगा। अभियान के दौरान लाभार्थियों को मौके पर ही रिप्रोडक्टिव चाइल्ड हेल्थ (आरसीएच) नंबर दिया जाएगा और बैंक खाता भी खोला जाएगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने इस संबंध में जिलों को पत्र भेजकर विस्तृत दिशा-निर्देश दिये हैं। आरसीएच नंबर और बैंक खाता होने से स्वास्थ्य इकाई पर संस्थागत प्रसव के 48 घंटे के भीतर लाभार्थी के खाते में भुगतान प्राप्त हो जाएगा। जननी सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थी प्रसूता को शहरी क्षेत्र में 1000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्र में 1400 रुपये देने का प्रावधान है।
मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद ने पत्र में प्राप्त दिशा-निर्देशों की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में संस्थागत प्रसव को बढ़ाने के बारे में कई कदम उठाने का उच्च स्तरीय निर्णय हुआ है। इसी क्रम में मिशन निदेशक स्तर से भेजे गये पत्र में कहा गया है कि सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी अभियान के तहत स्वैच्छिक सेवाओं के लिए पंजीकृत निजी चिकित्सकों को व्यक्तिगत तौर पर आमंत्रित करेंगे। आरसीएच नंबर पंजीकरण के लिए विशेष काउंटर खोले जाएंगे और जिन लाभार्थियों के पास आरसीएच नंबर नहीं होगा उनका तत्काल पंजीकरण करवा कर नंबर दिया जाएगा।
- बैंक से बनाएंगे समन्वय
जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने बताया कि पत्र के अनुसार प्रभारी चिकित्सा अधिकारी बैंक से समन्वय स्थापित कर विशेष काउंटर लगाएंगे, जहां लाभार्थियों के तत्काल खाते खोले जाएंगे। आशा कार्यकर्ता ऐसे लाभार्थियों को आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र और खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज के साथ लेकर आने को प्रेरित करेंगी।
- गर्भवती के लिए वरदान है पीएसएमए
जिला मातृत्व परामर्शदाता सूर्य प्रकाश ने बताया कि पीएमएसएमए दिवस पर गर्भवती की संपूर्ण जांच होती है और उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था (एचआरपी) को पहले ही चिन्हित कर परामर्श दे दिया जाता है कि उनका प्रसव उच्च चिकित्सा इकाई पर ही होगा। जब पहले से महिला के एचआरपी होने के बारे में पता चल जाता है तो उनका नियमित फॉलो अप होता है और संस्थागत प्रसव के दौरान किसी निम्न स्वास्थ्य इकाई पर ले जाने में नष्ट होने वाला समय बच जाता है। इस समय पूरा आयोजन कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए हो रहा है।
- यह जांचें होती हैं
जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने बताया कि पीएमएसएमए दिवस पर गर्भवती को ब्लड टेस्ट, यूरीन टेस्ट, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन और अल्ट्रासाउंड जाँच की सुविधा निःशुल्क मुहैय्या कराई जाती है। जिन महिलाओं में तेज बुखार, दौरे पड़ने, उच्च रक्तचाप, योनि से स्राव, त्वचा के पीलापन, हाथ-पैरों में सूजन, योनि से रक्तस्राव, तेज सिरदर्द, धुंधला दिखने, भ्रूण के न हिलने या कम हिलने जैसी समस्याएं होती हैं उन्हें एचआरपी के तौर पर चिन्हित कर लिया जाता है।
ऐसी महिलाओं का समय-समय पर फॉलो अप होने से शरीर में खून का स्तर, अन्य जटिलताएं आदि पर नजर होती है और समुचित इलाज मिलता है ताकि मां सुरक्षित बन सके। इसलिए महीने की नौ तारीख को सभी गर्भवती को स्वास्थ्य केंद्रों पर अवश्य आना चाहिए।